बजट 2023: एक फरवरी 2023 को वित्त मंत्री निर्मल नियामक बजट पंचायत, जिसमें टेक्सपेयर्स के लिए बड़ी सुविधा शुरू करने का एलान कर सकते हैं। आने वाले बजट में वित्त मंत्री सभी टैक्सदाताओं के लिए एक ही आई फॉर्म के जरिए रिटर्न फाइलिंग के जरिए की घोषणा कर सकते हैं। माना जा रहा है कि इस सुविधा का नया लाभ टैक्सपेयर्स 2024-25 एसेसमेंट ईयर के लिए दाखिल होने वाले आयकर रिटर्न से आयकर लें।
बजट में कॉमन आईटीआर फॉर्म लाने की घोषणा होगी
इस बात के पूरे आसार हैं कि 2023-24 के बजट में वित्त मंत्री कॉमन आई फॉर्मेशन फॉर्म की घोषणा कर सकते हैं। वित्त मंत्रालय ने सभी हितधारकों से 15 दिसंबर, 2022 तक सुझाव मांगा था। मौजूदा समय में अलग-अलग कैटगरी वाले टैक्सपेयर्स के लिए 7 तरह के फॉर्म मौजूद हैं। लेकिन सभी वित्त मंत्रालय दलालों के लिए अब एक ही आई फॉर्म चाहता है। और माना जा रहा है कि इसकी शुरुआत वित्त वर्ष 2023-24 और एसेसमेंट ईयर 2024-25 से की जा सकती है। माना जा रहा है कि समझौते-7 को छोड़कर बाकी सभी आई फॉर्म को आप में विलय कर दिया जाएगा।
टेक्सपर्स को आईटीआर भरने में आसानी
जब सीबीडीटी ने कॉमन आई ड्राफ्ट पेश किया था तब उसने कहा था कि कॉमन आईेजमेंट के जरिए रिटर्न फाइलिंग में टैक्सपेयर्स को आसानी से वहीं टैक्सपेयर्स और नॉन बिजनेस टाइप टैक्सपर्स को आईज फाइल करने में भी काफी समय लगेगा। ट्रस्ट और नॉन-प्रॉफिट आर्गनाइजेशन को छोड़कर सभी टैक्सपेयर्स रिटर्न रिटर्न भरने के लिए कॉमन रिटर्न का उपयोग करें। सीबीडीटी ने कहा था कि इलेक्ट्रोलाइट्स-1 और आई-एक्सेसरीज-4 जारी होंगी। लेकिन टैक्सपेयर्स के पास ये विकल्प होगा कि वे आम तौर पर रिटर्न के जरिए रिटर्न भरेंगे। हालांकि अधिसूचना जारी होने के बाद आई पहचान -2 और आई पहचान -3 के माध्यम से रिटर्न भरने वाले टैक्सपेयर्स केवल कॉमन आई पहचान फॉर्म के माध्यम से ही आई नामांकन भर।
आईटीआर फॉर्म 7 प्रकार के होते हैं
अभी 7 प्रकार के आई फॉर्म होते हैं। इनकम टैक्स रिटर्न नंबर फॉर्म वन वोपे टैक्सियर्स भरते हैं रविवार सालाना आय 50 लाख रुपये तक है. उनकी आय का इतना पेंशन के अलावा एक संपत्ति से आय, ब्याज से होने वाली आय, लाभांश आय और कृषि से सालाना 5,000 रुपये तक की इनकम हो। अगर म्यूचुअल फंड, शेयर जैसी शेयर जैसी बिक्री से पूंजीगत लाभ होता है या एक से अधिक घरेलू संपत्ति है तो ऐसे टैक्सपेयर्स को आई व्यूज -2 पैरवी करना होता है। टैक्स रिटर्न नंबर 3 उन व्यक्तियों और एचयूएफ के लिए है, जिनका लाभ से लाभ होता है या व्यवसाय से लाभ होता है। गोपनीय संख्या 4 को भी कहा जाता है। जो व्यक्ति और एचयूएफ (हिंदू अभिभाषित परिवार) पर लागू होता है, किसी भी व्यवसाय और समुदाय से आय कुल 50 लाख रुपये तक होती है।
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