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Saraswati Puja 2023: कैसा है देवी सरस्वती का स्वरूप, जानें इससे जुड़ी विशेषताएं

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Basant Panchami 2023,Goddess Saraswati Special Things: प्रत्येक वर्ष माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन को सरस्वती पूजा के रूप में मनाया जाता है. विशेष तौर पर यह दिन देवी सरस्वती की जयंती का दिन होता है.

इस साल सरस्वती पूजा या बसंत पंचमी का पर्व गुरुवार 26 जनवरी 2023 को है. इस दिन घर, मंदिर, पूजा पंडाल और स्कूल-कॉलेजों में वाग्वादिनी, शारदा, शतरूपा, वीणापाणि, वागेश्वरी, भारती, बुद्धिप्रदायिनी देवी सरस्वती की पूजा की जाएगी. देवी सरस्वती को शुक्ल वर्ण, श्वेत वस्त्र धारिणी, वीणावादनतत्परा और श्वेत पद्मासना भी कहा गया है. मां सरस्वती के जितने भी नाम हैं, ये सभी उन्हें अपने स्वरूप और विशेषताओं से ही प्राप्त हुए हैं.  

कैसा है देवी सरस्वती का स्वरूप

देवी सरस्वती के एक मुख और चार हाथ हैं. मां एक हाथ में वीणा, एक हाथ में माला, एक हाथ में पुस्तक और एक हाथ आशीष देते हुए है. देवी सफेद वस्त्र धारण किए कमल पर विराजमान होती हैं. इनका वाहन हंस है. इसलिए इन्हें हंसवाहिनी भी कहा जाता है. किसी भी शैक्षणिक कार्य में सबसे पहले देवी सरस्वती की पूजा करने का महत्व है.

धर्म-ग्रंथों के अनुसार देवी सरस्वती के स्वरूप की 5 विशेषताएं

  1. विष्णुधर्मोत्तर पुराण में देवी सरस्वती के वाग्देवी स्वरूप में चार भुआओं और आभूषणों से सुसज्जित बताया गया है.
  2. ब्राह्मण ग्रंथों के मुताबिक, देवी सरस्वती ब्रम्हस्वरूपा, कामधेनु और समस्त देवों की प्रतिनिधि हैं. इनकी कृपा से ही संसार के समस्त प्राणियों को बुद्ध और ज्ञान प्राप्त होता है.
  3. स्कंद पुराण में देवी सरस्वती के स्वरूप की विशेषताओं को लेकर बताया गया है कि, ये कमल के आसन पर सुशोभित, जटायुक्त, माथे पर अर्धचंद्र धारण किए होती हैं.
  4. धार्मिक मान्यता है कि देवी सरस्वती अदृश्य और अत्यंत सूक्ष्म रूप में मनुष्य के जिव्हा पर विराजती हैं. कहा जाता है कि जिस समय देवी सरस्वती का वास जिव्हा पर होता है, उस दौरान बोले गए शब्द सत्य हो जाते हैं.
  5. इनका वाहन हंस होने के कारण, इन्हें हंसवाहिनी भी कहा जाता है. हालांकि कुछ स्थानों पर देवी सरस्वती को मयूर यानी मोर पर सवार दिखाया गया है.

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Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.



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