रघुराम राजन भारत जोड़ो यात्रा: पूर्व इलेक्ट्रॉनिक गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि अगले वित्त वर्ष 2023-24 में भारत अगर 5 फीसदी आर्थिक विकास दर को हासिल करता है तो वो बहुत भाग्यशाली कहलाएगा। राजन ने कहा कि मौजूदा साल का युद्ध (रूस-यूक्रेन युद्ध) के कारण बहुत व्यावहारिक रूप से हुआ है, लेकिन आने वाले साल में आप पर क्लिक करने वाला है।
राहुल ने राजन का इंटरव्यू लिया
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए राजस्थान पहुंचे पूर्व निदेशक, स्वयं राहुल ने हस्तक्षेप किया। जिसमें सवालों का जवाब देते हुए रघुराम राजन ने कहा कि अगले साल पूरी दुनिया में विकास दर में कमी आएगी। व्यामोह में लगातार धोखा की जा रही है। और इसका असर भारत पर भी पड़ता है। भारत में भी पूर्वाग्रह प्राप्त हैं लेकिन भारत से देखा जा रहा है लगातार घट रहा है। भारत में जो बांध है वह बांधों में जकड़ा हुआ है, साग-सब्जियों की चूक है। ये विकास के लिए नकारात्मक का काम करेगा।
केवल 2 प्रतिशत है!
स्कोरिंग के आंकड़ों को लेकर रघुराम राजन ने कहा कि आप किसी प्रकार के आंकड़े को कोंक रहे हैं ये बहुत मायने रखता है। बीता साल हमारे लिए बहुत बुरा रहा। यदि आप उस वर्ष से तुलना करते हैं तो आपको आंकड़े बेहतर नज़र आएंगे। लेकिन सही ये होगा कि आप महामारी आने के पहले साल से आर्थिक विकास दर की तुलना करें। उन्होंने कहा कि अगर आप 2022 की तुलना 2019 से करते हैं तो आधिकारिक रेटिंग केवल 2 प्रतिशत बनती है जो हमारे लिए काफी कम है। जब राहुल ने उनसे पूछा कि इसकी वजह क्या है तो राजन ने कहा कि महामारी एक बड़ी वजह है, लेकिन भारतीय उद्योग में सुस्ती कोरोना महामारी के पहले ही आ चुकी थी। हम 9 प्रतिशत से 5 प्रतिशत पर आ गए। हमें आर्थिक विकास दर को गति देने के लिए जो सुधार करने चाहिए उन्होंने हमने नहीं किया।
आर्थिक रूप से निरंतर बढ़ रहा है
रघुराम राजन ने कहा कि देश में स्थितिगत आर्थिक रूप से निरंतर के प्रश्न पर रघुराम राजन ने कहा कि देश में निरंतर रूप से बढ़ता जा रहा है। महामारी के बावजूद अपर मिडिल क्लास की आय प्राप्त होती है क्योंकि वे घर से काम कर सकते थे। जो ग़रीब थे उन्हें नौकरी के लिए फैक्ट्रियों पर लगा दिया गया था और फैक्ट्रियों को बंद कर दिया गया था। ये लगातार कोरोना महामारी के दौरान और देता है। राजन ने कहा कि जो सबसे गरीब हैं उनके अनाज की जगह मिल गई है। जो अमीर है उन्हें चिंता करने की ट्रेन नहीं थी। लेकिन जो लोअर मिडिल क्लास है उसे सबसे ज्यादा खामिया है। नौकरी छूट गई है, नौकरी बढ़ रही है, कर्ज महंगा हो रहा है। ऐसे में उनका काफी नुकसान हो जाता है और उनके लिए नीति बनानी पड़ती है। दर्द वहां बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि हम पिक्सेल के खिलाफ नहीं बल्कि मोनोपॉली के खिलाफ हैं।
समाचार रीलों
अमेरिका में संकट से भारत को नुकसान
राजन ने बताया कि अमेरिका में बहुत तेजी से बढ़ रहा है और सेंट्रल बैंकों को कम करने में लगता है इसलिए व्यवसाय की गति कम हो जाएगी। भारत के लिए नुकसान ये है कि हमारा दृष्टिकोण कम हो जाएगा। इससे हमारे उत्पाद पर असर पड़ेगा।
एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध है किसानों के खिलाफ
राजन ने कहा कि देश में छोटे प्राधिकरण को बड़ा बनने में कई नियामक बाधाओं का सामना करना पड़ता है। राजन ने कहा कि हम कहते हैं ये किसानों का देश है लेकिन देश में एक्सपोर्ट इंपोर्ट पॉलिसी मिडिल क्लास और शहरों में रहने वालों का ध्यान रखा जाता है। उन्होंने कहा कि प्याज के दाम बढ़ते हैं तो हम इंपोर्ट करते हैं जिससे हमारे किसानों के लिए मुनाफे के दाम गिर जाते हैं ऐसे में शर्त का होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए क्योंकि ये किसानों के खिलाफ है।
नौ सेक्टर पर देना होगा फोकस
रघुराम राजन ने कहा कि नौकरी बड़ी समस्या है। लेगों की पहली सरकारी नौकरी है क्योंकि कई पेंशन जैसी सुविधाएं हैं। ऐसे में प्राइवेट सेक्टर में रोजगार बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नौ सेक्टर में रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं और हमें उनमें से एक पर जाना चाहिए।
मोदी सरकार पर साइट
राजन ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब तक देश के भीतर सदभाव नहीं रहेगा, तब तक हमारा पर्यावरण सुरक्षित नहीं रह सकता है। उन्होंने कहा कि लोग कह रहे हैं हम लड़ सकते हैं अल्पसंख्यकों को दबा सकते हैं और हम मजबूर होकर ऐसा नहीं हो सकता है।
ये भी पढ़ें
खुदरा मुद्रास्फीति डेटा: क्या ठीक और प्रत्यक्ष रूप से दर में गिरावट के बाद पेंशन से राहत मिलेगी?