Google बिलिंग नीति: मद्रास उच्च न्यायालय (मद्रास उच्च न्यायालय) ने प्रौद्योगिकी कंपनी Google (Google) को निर्देश दिया है कि वह ऐसी किसी भी कंपनी को अपने प्ले स्टोर से डीलिस्ट न करे, जिसने अपनी याचिका दायर की है। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, कई संस्थाओं ने Google की बिलिंग पॉलिसी (Google बिलिंग पॉलिसी) के ख़िलाफ़ चल रही लड़ाई में कोर्ट से राहत की मांग की थी।
4 प्रतिशत कमीशन भी देने को कहा
खबर के मुताबिक, मद्रास हाई कोर्ट ने जून में अपने जैसे-तैसे प्रदर्शनों को रिकॉर्ड किए डाउनलोड की कुल संख्या पर गूगल को एक रिपोर्ट पेश करने के लिए भी कहा है। उसी के साथ सर्च जायंट्स को 4 प्रतिशत कमीशन भी देने को कहा जाता है। कुछ समय पहले, Bharat Matrimony, Shaadi.com, और कुछ अन्य प्राधिकरणों ने Google बिलिंग पॉलिसी (Google बिलिंग नीति) को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था। इसमें ऑउट को Google Play Store से बाहर निकालने से रोकने की मांग की गई थी।
ये कंपनियां मद्रास हाई कोर्ट में भी पहुंची थीं
डेस्ट मंडे को इकोनॉमिक टाइम्स ने जानकारी दी थी कि Unacademy, Kuku FM, TrulyMadly, और QuackQuack ने अलग-अलग Google के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय का रुख किया था। फिर तीन अन्य प्राधिकरण- अहा, मंच और कुटुंब ने भी राय व्यक्त की थी। मद्रास हाई कोर्ट का दिन गुरुवार को आया आदेश इन सभी प्राधिकरणों पर लागू होता है।
गलगल ने सही बताया था
रिपोर्ट के मुताबिक, Google 20 जुलाई तक इनवॉयस रेजीमेंट कर सकता है और इन सिपाहियों को 25 जुलाई तक कमीशन दे सकता है। पिछले महीने गूगल ने अपने एक ब्लॉग में कहा था कि Google Play की बिलिंग पॉलिसी भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के आदेश के अनुसार और ऐसा करने में देश में पॉलिसी (Google बिलिंग नीति) को लागू करने की योजना के साथ आगे बढ़ रही है।