Cryptocurrency Regularization: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष- इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बोर्ड (FSB) ने क्रिप्टोकरेंसी के विषय में एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया है. अपने सिंथेसिस पेपर में आईएममएफ और एफएसबी ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी ऐसेट्स के ऊपर बैन नहीं लगाया जाना चाहिए. बल्कि उनका मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी ऐसेट्स को रेगुलेट करने की जरूरत है.
IMF-FSB ने खारिज की क्रिप्टो को आधिकारिक दर्जा देने की बात
आईएममएफ और एफएसबी ने अपने सिंथेसिस पेपर में क्रिप्टो को आधिकारिक करेंसी या लीगल टेंडर का दर्जा देने की बात को साफ तौर से खारिज कर दिया है. इसके अलावा सरकारों पर इस बात की जिम्मेदारी डाली गई है कि वो क्रिप्टो जैसे डिजिटल ऐसेट्स से जुड़े वित्तीय और मौद्रिक जोखिमों को कम करने पर काम करें. उन्होंने सिफारिश की है कि क्रिप्टोकरेंसी ऐसेट्स के लिए सुरक्षित प्रयासों के जरिए मौद्रिक संप्रुभता और स्थिरता का ध्यान रखते हुए सतर्क कदम लेने की जरूरत है. इसका अर्थ है कि
क्रिप्टोकरेंसी पर अस्थाई प्रतिबंध लगाना भी जरूरी हो तो करें देश
हालांकि आईएममएफ और एफएसबी ने ये भी कहा है कि देशों की इकोनॉमी को क्रिप्टो ऐसेट्स से मिल रहे खतरों के प्रति सावधान रहने के लिए अस्थाई प्रतिबंध लगाने पर भी विचार करने से पीछे नहीं हटना चाहिए.
देश कैसे अपने वित्तीय हित सुरक्षित करें ये ध्यान रखना जरूरी
इस 45 पेज के डॉक्यूमेंट को G20 के डेप्युटीज के साथ पहले ही साझा किया जा चुका है और कल गुरुवार को इसे सार्वजनिक किया गया. इसमें इस बात का भी जिक्र है कि संभावित आर्थिक जोखिमों से बचने के लिए देशों की अर्थव्यवस्थाओं को अंतर्राष्ट्रीय मानकों का पालन करते हुए अपने वित्तीय हित सुरक्षित करने चाहिए. इसके अलावा इस बात का भी सुझाव दिया गया है कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के नियमों का पालन करते हुए ये जांच होती रहे कि मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फाइनेंसिंग और महाविनाशकारी हथियारों के लिए देशों के बीच आर्थिक संसाधनों का इस्तेमाल कैसे रोका जा सके.
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