Palm Oil Import: एक तरफ देश को तिलहन के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की कवायद की जा रही है. वहीं देश में खाद्य तेलों की बढ़ती खपत के बीच इनका आयात भी तेज हो गया है. ताजा आंकड़े बताते हैं कि खाद्य तेलों के आयात में 34 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई है. नवंबर के महीने में खाद्य तेलों का आयात बढ़कर 15.29 लाख टन तक पहुंच गया है. इसी के साथ क्रूड पाम ऑइल और रिफाइंड पाम ऑइल के आयात में भी बढ़त दर्ज की गई है. बुधवार को सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने आंकड़े जारी करके बताया कि तेल विपणन वर्ष 2022-23 के पहले महीने नवंबर में सिर्फ खाद्य तेल और सब्जी तेलों का ही आयात नहीं बढ़ा है, बल्कि बिना खान-पान वाले तेल की डिमांड में भी कुछ कमी देखी गई है.
कितना बढ़ा खाद्य तेलों का आयात
द इकोनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सब्जी तेलों के मांग के अलावा वनस्पति तेलों के आयात में भी 32% की ग्रोथ दर्ज की गई है. इस साल नवंबर में वनस्पति तेलों का आयात बढ़कर 15 लाख 28 हजार 760 टन हो गया है, जबकि साल 2021 में इस अवधि तक 11 लाख 73 हजार 747 टन वनस्पति तेल खरीद गया था.
इस मामले में सीईए ने बताया कि खाद्य तेलों की कैटेगरी मे आने वाले सभी तेलों का आयात एक ही महीने के अंदर अपने उच्चतम स्तर पर रहा है. बता दें कि भारत घरेलू डिमांड के 60 फीसदी खाद्य तेल आयात करता है. पाम तेल के प्रमुख निर्यातकों में इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड शामिल हैं.
इन तेलों के आयात में गिरावट
देश में खाद्य तेलों की खपत के साथ अब डिमांड और आयात भी तेजी से हो रहा है. वहीं बिना खान-वाले अखाद्य तेलों के आयात में 52% की गिरावट दर्ज की गई है. इस साल नवंबर में 16 हजार 780 टन का आता हुआ है, जबकि साल 2021 में नवंबर तक 39 हजार 924 टन अखाद्य तेलों का आयात किया गया था. एसईए के ताजा आंकड़ों में खाद्य तेल की श्रेणी में आने वाले कच्चे पाम तेल यानी सीपीओ के आयात में बढ़त दर्ज की गई है.
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देश ने इस साल नवंबर में 9,31,180 टन सीपीओ यानी कच्चे पाम तेल का रिकॉर्ड लेवल पर आयात किया है, जबकि पिछले साल नवंबर में 4,77,160 टन कच्चे पाम तेल का आयात हुआ. जानकारी के लिए बता दें कि नवंबर 2022 से पहले साल 2015 में कच्चे पान तेल का रिकॉर्ड स्तर पर आयात हुआ था, जो 8,78,137 टन का था.
इन तेलों के आयात में ग्रोथ
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के डेटा के अनुसार,आरबीडी पामोलिन यानी रिफाइंड ऑइल का इंपोर्ट 2 लाख 2 हजार 248 टन हो गया है, जो नवंबर 2021 में 58,267 टन दर्ज किया गया था. इसके अलावा, सूरजमुखी तेल के तेल में भी कुछ ग्रोथ दर्ज की गई है. ये पिछले साल 1,57,709 टन था, जो इस साल 1,25,024 टन हो गया है.
इस साल कच्चे सोयाबीन के तेल पर देश को ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ा. पिछले साल तक ये 4 लाख 74 हजार 160 टन था, जो इस साल 2 लाख 29 हजार 373 टन तक सीमित हो गया है. देश में सोयाबीन के तेल का आयात अर्जेंटीना और ब्राजील से होता है. वहीं सूरजमुखी का तेल यूक्रेन और रूस से मंगवाया जाता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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