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CoWIN पोर्टल पर Covovax को उतारने की कवायद, सीरम इंस्टीट्यूट ने स्वास्थ्य मंत्रालय को लिखा पत्र

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COVID-19 Vaccine Covovax: कोरोना वायरस से संक्रमण के बढ़ते मामलों की बीच भारत के सीरम इंस्टीट्यूट (SII) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को एक पत्र लिखकर CoWIN पोर्टल पर अपनी COVID-19 वैक्सीन Covovax को वयस्कों के लिए विषम (Heterologous) बूस्टर खुराक के रूप में शामिल करने की मांग की है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सोमवार (3 अप्रैल) को दी. 

स्वास्थ्य मंत्रालय को यह पत्र 27 मार्च को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह की ओर से लिखा गया था. पिछले महीने डॉक्टर एनके अरोड़ा की अध्यक्षता वाले COVID-19 वर्किंग ग्रुप ने भी स्वास्थ्य मंत्रालय को इस बात की सिफारिश की थी कि कोविन पोर्टल पर कोवोवैक्स को हेटेरोलोगस बूस्टर डोज की रूप में शामिल किया जाए. सिफारिश में कहा गया था कि इसे उन वयस्कों को दिया जा सकता है जो कोविशील्ड या कोवैक्सिन की दो खुराकें ले चुके हैं. 

WHO की भी मिल चुकी है मंजूरी

कोविशील्ड या कोवैक्सिन की दो खुराकें ले चुके लोगों को कोवोवैक्स दिए जाने के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 16 जनवरी को मार्केट ऑथराइजेशन की मंजूरी दे दी थी. वहीं, कोवोवैक्स को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA) की ओर से भी स्वीकृति मिल चुकी है. 

डीजीसीआई ने कुछ शर्तों के साथ 28 दिसंबर 2021 को आपातकालीन स्थिति में वयस्कों को कोवोवैक्स देने की मंजूरी थी. इसी तरह 9 मार्च 2022 को इसे 12 से 17 वर्ष के लोगों को दिए जाने की मंजूरी दी गई थी. वहीं, 28 जून 2022 को 7 से 11 वर्ष की उम्र के बच्चों को भी इसे इसी रूप में दिए जाने की मंजूरी डीजीसीआई की ओर से दी गई थी. 

टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के जरिये तैयार हो रही कोवोवैक्स

अमेरिका के वैक्सीन निर्माता नोवावैक्स (Novavax) से टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के जरिये कोवोवैक्स को तैयार किया जाता है. शर्तों के साथ मार्केट ऑथराइजेशन के लिए इसे यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी की ओर से भी मंजूरी मिली है. WHO ने 17 दिसंबर 2021 को कोवोवैक्स को आपातकालीन-उपयोग के लिए मंजूरी देते हुए सूची में शामिल कर लिया था.

बता दें कि Novavax Inc. ने अगस्त 2020 में अपनी NVX-CoV2373 वैक्सीन के विकास और व्यावसायीकरण के लिए के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ एक लाइसेंस समझौते की घोषणा की थी. वैक्सीन को भारत और कम या मध्यम आय वाले देशों में उतारा जाना था.

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