कंझावला मामला: दिल्ली के कंझावला मामले में एक के बाद एक नया खुलासा हो रहे हैं। पहले एक्सीडेंट… फिर दोस्त (निधि) का सीसीटीवी… फंड का जमावड़ा… और आज पुलिस ने कहा कि मामले में 5 नहीं 7 मिनट हैं। ये मामला दिन पर दिन गंभीर होता दिख रहा है।
वहीं, आज साझाा अंजलि के परिवार सड़क पर उतरे और अब सुल्लतानपुरी थाने के बाहर धरने पर बैठ गए। परिजन का कहना है कि ये मामला एक्सीडेंट का ब्लिंक मर्डर नहीं है और जब तक केस में मर्डर का केस दर्ज नहीं होगा तब तक वहां से नहीं उठेंगे।
मर्डर का केस है, एक्सीडेंट नहीं… – परिजन
दरअसल, जिंका के परिजनों ने आज घर से सुल्तानपुरी थाने तक बहिष्कार किया और इस दौरान उन्होंने निर्णय लेने की बात की। स्पॉट्स पर मौजूद एबीपी न्यूज़ की टीम से मृतका के परिवार, भौगोलिक स्थिति और क्षेत्रीय के लोगों ने बातचीत की। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि हत्या के मामले दर्ज किए जाएं। ये एक हादसा नहीं बल्कि अंजलि की मौत हुई है।
परिजन में पुलिस के प्रति क्रोध को भी मिला। परिजनों ने कहा कि उन पर पुलिस जांच पर विश्वास नहीं है। पुलिस इस मामले को एक्सीडेंट का बताकर पहचानने को बचाने का प्रयास कर रही है।
फास्टनरों को निष्पादित करें
सिकंदरा के मामा ने एबीपी न्यूज से बात कर कहा कि फंड (मृतका के दोस्त) को सब पता था तो उसने पुलिस को पहले क्यों कुछ नहीं बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि पैसा बहुत कुछ छिपा हुआ है और ये साजिश रची गई है। रिश्तेदारों ने मार्च के दौरान “अंजलि हम शर्मिंदा तेरे कातिल जिंदा हैं…” “फांसी दो, फांसी दो” के नारे।
5 नहीं 7 पंच
दरअसल, आज पुलिस ने कहा कि इस मामले में 5 नहीं बल्कि 7 चक्कर हैं। पुलिस अन्य दो खामियों की तलाश में जुट गई है। पुलिस ने ये भी बताया कि इस मामले में 18 टीमें काम कर रही हैं। सभी मैट्रिक्स पर जांच हो रही है।