पश्चिम बंगाल हिंसा पर टीएमसी पर बीजेपी: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अविनाश प्रसाद ने बुधवार (12 जुलाई) को बंगाल पंचायत चुनाव 2023 के मतदान में प्रेसवार्ता लेकर हिंसा भड़काई। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (ममता बनर्जी) की आलोचना को लेकर हिंसक हिंसा की।
सासंद प्रसाद ने कहा, ”ममता जी आप प्रेस वालों की आंखों से आंखें मिलाकर बात क्यों नहीं कर पा रही हैं। आप अपनी खुशी क्यों नहीं पा रही हैं। इतनी मतपेटियों की लूट के बाद आपने ये जीत हासिल की है”
अविश्वास प्रसाद ने भाजपा के सभी सहयोगियों का अभिनंदन करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “मैं बीजेपी एसोसिएट्स के जज्बे और त्याग का आवाहन करता हूं कि वे असल में बैटल गर्ल और 10 हजार सीट पर हम लोग जीतेंगे।”
हिंसा प्रभावित राज्यों का दौरा
उन्होंने बताया कि भाजपा हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रही है। इस दौरान वह इंटरव्यू से इंटरव्यू करेंगी. अस्थैतिक का कलाकार और क्रेटेशियस से बातचीत करेंगे। मारे गए सहयोगियों के परिवार से मिलेंगे। इस दौरे के बाद राज्य में हुई हिंसा की रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष जापान सरकार की ओर से पेश की जाएगी।
रीच का दौरा करने की अपील
अविश्वास प्रसाद ने आरोप लगाया कि इससे पहले सतपाल महाराज आए थे और उन्हें एयरपोर्ट से बाहर कर दिया गया था। एक बार उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी उन्हें बंगाल के दौरे पर नहीं आये थे। उन्होंने ममता बनर्जी से अपील करते हुए कहा कि वे चारों सासंदों का दौरा करने आएं।
ममता बनर्जी का पलटवार
इसके अलावा, ममता बनर्जी ने भी पलटवार करते हुए कहा कि “जब कार्मिक जल रहे थे तब तथ्यात्मक ड्राइंग टीम कहां थी? जब असम के कारण जल रहे थे तब यह टीम कहां थी? आयोगों ने इन स्थानों का दौरा कहां किया था? 2 साल के अंदर, करीब 154 शोरूम ने पश्चिम बंगाल का दौरा किया है।
ममता बनर्जी ने कहा, “ये बीजेपी को बढ़ावा देने वाली समितियां हैं, तथ्यात्मक समितियां नहीं हैं। ये समर्थक हैं कि पश्चिम पंचायत बंगाल चुनाव के दौरान इतने सारे लोग मारे गए। वे डिफेंस के शिकार हैं। मैंने पुलिस से कार्रवाई करने को कहा है।” ।”
बीजेपी ने बनाई फैक्ट रिसर्चिंग कमेटी
असल में, जापान के बजरंगबली ने बंगाल हिंसा को लेकर बीजेपी की तथ्यात्मक अध्ययन समिति बनाई थी। इसमें विश्वनाथ प्रसाद, सत्यपाल सिंह, राजदीप रॉय और रेखा वर्मा शामिल हैं। समिति के सदस्य इस वक्त हिंसा प्रभावित राज्य के दौरे पर हैं।
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