<p style="text-align: justify;"><strong>Railway knowledge:</strong> भारतीय रेलवे के पास वर्तमान में 7,000 से भी अधिक रेलवे स्टेशन हैं, जिनसे 13,000 से अधिक यात्री ट्रेनें गुजरती हैं. इसके अलावा गुजरने वाली मालगाड़ियों की संख्या अलग है. भारत में रेलवे की शुरुआत ब्रिटिश शासनकाल में हुई थी. उस समय कई स्टेशनों का निर्माण किया गया था. हालांकि, क्या आपको ऐसे रेलवे स्टेशनों के नाम पता है जिनका निर्माण ब्रिटिश शासनकाल में हुआ था? आइए बताते हैं…</p>
<h3 style="text-align: justify;">हावड़ा रेलवे स्टेशन</h3>
<p style="text-align: justify;">हावड़ा रेलवे स्टेशन पश्चिम बंगाल के हावड़ा शहर में स्थित एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है. इस स्टेशन से पहली ट्रेन 15 अगस्त 1854 को चली थी, जो हावड़ा-हुबली लाइन पर थी. यह रेलवे स्टेशन भारत का सबसे व्यस्त स्टेशन है, क्योंकि यहां पर 23 प्लेटफ़ॉर्म हैं.</p>
<h3 style="text-align: justify;">रॉयपुरम रेलवे स्टेशन</h3>
<p style="text-align: justify;">चेन्नई उपनगरीय रेलवे नेटवर्क के वालाजापेट खंड पर स्थित रॉयपुरम रेलवे स्टेशन ब्रिटिश द्वारा निर्मित हुआ है. इस स्टेशन से साल 1856 में दक्षिण भारत की पहली ट्रेन शुरू हुई थी. यह स्थान वर्तमान तक दक्षिण मराठा और मद्रास का मुख्यालय बना रहा है, जब तक कि सन 1922 तक इसका स्थान बदला नहीं गया.</p>
<h3 style="text-align: justify;">पंडित दील दयाल उपाध्यायन रेलवे स्टेशन</h3>
<p style="text-align: justify;">पंडित दील दयाल उपाध्यायन रेलवे स्टेशन को पहले मुगलसराय रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में इसका नाम बदल दिया गया. यह उत्तर प्रदेश का मुख्य रेलवे स्टेशन है और बनारस से केवल चार मील की दूरी पर स्थित है. यह स्टेशन 1862 में बनाया गया था, जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने हावड़ा से दिल्ली के बीच रेलवे लाइन शुरू की गई थी.</p>
<h3 style="text-align: justify;">छत्रपति शिवाजी टर्मिनस</h3>
<p style="text-align: justify;">मुंबई में स्थित छत्रपति शिवाजी टर्मिनस भारत का प्रमुख रेलवे स्टेशन है. यह एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल भी है और इसका निर्माण 1878 में पुराने बोरीबंदर रेलवे स्टेशन के दक्षिण में शुरू हुआ था. 1887 में इसका निर्माण पूरा हुआ और इसका नाम महारानी विक्टोरिया के नाम पर रखा गया. हालांकि, सन 1996 में इसका नाम छत्रपति शिवाजी के नाम पर बदल दिया गया.</p>
<h3 style="text-align: justify;">देहरादून रेलवे स्टेशन </h3>
<p style="text-align: justify;">देहरादून रेलवे स्टेशन उत्तराखंड का प्राथमिक रेलवे स्टेशन है, जिसका निर्माण 1897 और 1899 के बीच अंग्रेजों ने किया था. इस रेलवे लाइन की मंजूरी 1896 में ही मिल गई थी. हालांकि, वास्तविक निर्माण कार्य बाद में शुरू हुआ. इस लाइन का पहली बार उद्घाटन 1 मार्च, 1900 को हुआ था.</p>
<h3 style="text-align: justify;">लखनऊ चारबाग रेलवे स्टेशन</h3>
<p style="text-align: justify;">लखनऊ के पांच रेलवे स्टेशनों में से चारबाग रेलवे स्टेशन प्रमुखता रखता है. इसकी स्थापना 1914 में हुई थी और यह 1923 में बनकर तैयार हुआ था. इसका डिजाइन ब्रिटिश आर्किटेक्ट जे.एच. ने बनाया था. इसके निर्माण के दौरान भारतीय इंजीनियर चौबे मुक्ता प्रसाद ने भी अहम भूमिका निभाई थी. उस समय इस रेलवे स्टेशन को बनाने में 70 लाख रुपये की लागत आई थी. स्टेशन के सामने, एक बड़ा पार्क है, और स्टेशन स्वयं राजपूत, अवधी और मुगल वास्तुशिल्प प्रभावों को प्रदर्शित करता है.</p>
<h3 style="text-align: justify;">नई दिल्ली रेलवे स्टेशन</h3>
<p style="text-align: justify;">अजमेरी गेट और पहाड़गंज के बीच नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की मंजूरी 1926 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने दी थी. इसके बाद, स्टेशन का निर्माण शुरू हुआ और 1931 में इसका उद्घाटन किया गया. उद्घाटन के दौरान वायसराय ने इसी स्टेशन से होकर नई दिल्ली में प्रवेश किया. वर्तमान में, स्टेशन में 16 प्लेटफार्म हैं, जिससे सैकड़ों ट्रेनों के संचालन की सुविधा मिलती है.</p>
<h3 style="text-align: justify;">नंदी हॉल्ट रेलवे स्टेशन</h3>
<p style="text-align: justify;">नंदी हॉल्ट रेलवे स्टेशन बंगलोर के यलुवहल्ली में स्थित है, जिसका इतिहास लगभग 108 साल पुराना माना जाता है. यह रेलवे स्टेशन ब्रिटिश शासन के दौरान निर्मित किया गया था.</p>
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