बेस्ट बेकरी केस सारांश: सबसे अच्छा बेकरी कांड पर सुनवाई पिछले चरण में है, इसकी दो ब्रोकरेज फर्में चल रही हैं पर जल्द ही निर्णय ले सकती हैं। 1 मार्च 2002 की रात 8 बजे गुजरात के वडोदरा शहर के सबसे अच्छे बेकरी को पहले दंगों में लूटपाट और फिर बेकरी को आग लगा दी गई थी। इस आगजनी में 14 लोगों की मौत हो गई थी।
सबसे अच्छी बकरी में आग की वजह से अंदर रहने वाले 14 मृत हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग थे। इस मामले में वडोदरा शहर की पुलिस ने बेकरी के मालिक की बेटी, केस की एक चश्मदीद और शिकायतकर्ता प्रस्ताव की शिकायत के आधार पर दर्ज की थी। सबसे अच्छी बेकरी कांड की शुरुआत में कुल 21 प्रतिशत बने थे।
सभी 21 बिसरे
गुजरात का एक आरोप में अदालत चश्मदीद शेख, प्रचार की मां नगरुनिसा, छोटे भाई नसेबुल्लाह को दिए गए पुलिस दावों से पलट गए। 27 जून 2003 के दिन स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सभी 21 चुने को बहुत कर दिया।
जजमेंट को एससी में चुनौती
वर्ष 2003 में चश्मदीद शिकायतकर्ता प्रचार, सक्रियवादी तीस्ता सीतलवाड़ के संपर्क में आए। शिकायतकर्ता ने तीस्ता सीतलवाड़ के साथ एक प्रेस कांफ्रेंस ने दावा किया कि उन्हें और उनके परिवार को धमकाया गया था जिसके बाद वो कोर्ट में अपने बयानों से मुकर गई थी। मानवाधिकार आयोग की मदद से सक्रिय कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और शिकायतकर्ता विज्ञापन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
2006 में सर्वश्रेष्ठ बेकरी मामलों में 9 सजा
प्रचार ने सुप्रीम कोर्ट में मांग की कि मामला गुजरात में नाकर किसी दूसरे राज्य में चला जाए। उसके बाद 12 अप्रैल 2004 के दिन सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई में केस ट्रांसफर कर दिया और नए गाने से केस चलाने का आदेश दिया। 4 अक्टूबर 2004 को मुंबई के कोर्ट में सुनवाई के बाद 24 फरवरी 2006 को बेस्ट बेकरी केस के 9 में दोषी करार दिया गया, जबकि 8 को बरी कर दिया गया। सभी 9 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। इस मामले में 4 भिक्षा को वर्ष 2013 में पकड़ा गया।
हाई बॉम्बे कोर्ट ने सजा बरकरार रखी
अदालत के फैसले को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। अगले कई सालों तक मामला मुंबई के बॉम्बे हाई कोर्ट में चला। 9 जुलाई 2012 के दिन बॉम्बे हाई कोर्ट ने 4 दोषियों संजय ठक्कर, बहादुर सिंह चौहान, सना भाई बारिया और दिनेश राजभर की उम्र कैद की सजा को बरकरार रखा, जबकि अन्य 5 निर्णय राजू बारिया, पंकज गोसावी, जगदीश राजपूत और आश्वासन अरालू, तड़वी को बरबाद कर दिया।
इस मामले में जिन चार दस्तावेजों को बाद में पकड़ा गया उनका मुकदमा मुंबई के विशेष न्यायालय में चल रहा है। चार फिक्स में से दो स्नैपशॉट की मौत के दौरान मौत हो गई। मामले के दो सख्त रावजी भाई सोलंकी और मफत मणिलाल गोहिल जेल में हैं और मुंबई के स्पेशल कोर्ट इन दोनों पर जल्द फैसला सुना सकता है। सोमवार 11 अप्रैल के दिन इस मामले का पर्दाफाश हो गया था। हालांकि अब इस पर फैसला अगली तारीख पर आ सकता है।