2023 में छंटनी: वैश्विक स्तर पर मंदी की आशंका के कारण टेक कंपनियां एक के बाद एक अपने कर्मचारियों की संख्या में कमी कर रही हैं। वर्ष 2022 में अमेजन से लेकर Twitter, मेटा, विप्रो, इंफोसिस और TCS जैसी संस्था ने अपने कर्मचारियों की बड़ी संख्या में खींच की थी। अब साल 2023 के शुरू होते ही कर्मचारियों की नौकरी पर संकट और बढ़ गया है।
टेक ऑब्जेक्ट के कंपाइल डेटाबेस छंटनी.fyi के अनुसार, ग्लोबल स्तर पर 104 टेक प्राधिकरण ने जनवरी के कुछ ही दिनों में यानि कि 15 दिनों में 26,000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से आवंटन किया है। कर्मचारियों के काम से निकालने का औसत निकाला जाता है तो हर दिन 1,600 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जाता है। इसमें भारत के कर्मचारी भी शामिल हैं।
हर तिमाही में खींच की संख्या
खींचनेवाला वेबसाइट के मुताबिक कर्मचारियों की नौकरी जाने की संख्या साल 2022 की पहली तिमाही से बढ़ी है. हर तिमाही में पिछली तिमाही की तुलना में अधिक कर्मचारियों की नौकरी गई है। साल 2022 की पहली तिमाही में 10,000 की नौकरी गई थी, जो 34 टेक रिसेक्शन ने खींच की थी। वहीं 2022 की आखिरी तिमाही के दौरान 400 टेक महानगर ने 74,000 से अधिक कर्मचारियों को निकाल दिया।
एक साल में 154,000 से अधिक कर्मचारियों का खींचाव
भारत दुनिया में शामिल हुआ और 1,024 टेक प्राधिकरण ने 154,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला। जबकि 2020 में 400 टेक कंपनियों ने 60,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था।
भारत में दो साल के दौरान 30 हजार की नौकरी कर ली
बायजू ने 2,500 कर्मचारियों को खींचा है। Unacademy ने अप्रैल में 1,000 कर्मचारियों का बहिष्कार किया था। मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, अगले दो साल में 30 हजार से ज्यादा कर्मचारी खींचे गए हैं। वहीं अब इस साल से अमेजन, फेसबुक, ट्विटर और अन्य कंपनियों के कर्मचारी नौकरी से निकालने की तैयारी में हैं।
क्या खींच का चिल होगा बंद?
वैश्विक स्तर पर 2023 में अभी तक इतनी बड़ी संख्या में लोगों की नौकरी आगे कर्मचारियों के लिए संकट पैदा कर रही है। हालांकि कई मीडिया रिपोर्ट्स में जानकारों के अनुसार कहा गया है कि टेक कंपनियां 2023 के मध्य में कम कर सकती हैं। मनीकंट्रोल के मुताबिक इंडियन प्रोटेक्टिव एडटेक ने पिछले साल 20,000 कर्मचारियों को खींचा था।
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