https://bulletprofitsmartlink.com/smart-link/133310/4

122 साल बाद भयानक गर्मी! जानिए इस बार क्यों है इतनी गर्मी, भारत में सबसे ज्यादा गर्मी कब पड़ी?

Share to Support us


गर्मी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है और फरवरी का महीना भी काफी गर्म रहा है. माना जा रहा है कि फरवरी में साल 122 साल बाद इतनी गर्मी पड़ी है और आने वाले महीनों में भी काफी तेज गर्मी पड़ने का अनुमान हैं. मौसम विभाग लगातार तेज गर्मी की भविष्यवाणी कर रहा है. ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि आखिर इस बार ऐसा क्या हो गया है कि गर्मी तेज पड़ रही है. इसके साथ ही लोग जानना चाहते हैं कि भारत में सबसे गर्म साल कौनसा माना जाता है. तो जानते हैं इन भी सवालों के जवाब… 

कैसा रहेगा इस गर्मी में मौसम?

अगर इस गर्मी की बात करें तो इस बार भयंकर लू चलने की भविष्यवाणी है. मौसम विभाग के अनुसार, मार्च, अप्रैल और मई के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में भयंकर लू पड़ने की संभावना है. वैसे मार्च में लू की संभावना कम है, लेकिन देश के अधिकांश हिस्सों में अप्रैल और मई में काफी तज गर्मी पड़ सकती है. इससे साफ है कि आने वाले महीनों में भारत को गर्म मौसम का सामना करना पड़ेगा. 

क्यों पड़ रही है भयानक गर्मी?

अब बात करते हैं कि इस बार गर्मी ज्यादा पड़ रही है. वैसे तो ग्लोबल वार्मिंग की वजह से हर आने वाला साल ज्यादा गर्म होता जा रहा है. जैसे इस बार फरवरी 122 सालों में सबसे ज्यादा गर्म रहा है. ये भविष्यवाणी तो काफी पहले से ही कर दी गई थी कि इस बार औसत तापमान से करीब 5 डिग्री ज्यादा तापमान रहने वाला है, जो कि जलवायु परिवर्तन के असर की वजह से है. इसके साथ ही अल नीनो की वजह से इस बार ज्यादा गर्मी पड़ने का अनुमान लगाया जा रहा है. 

प्रशांत महासागर में पेरू के निकट समुद्री तट के गर्म होने की घटना को अल-नीनो कहा जाता है. इसकी उपस्थिति आदि पर यह निर्भर करता है कि मौसम कैसा रहेगा. प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह तापमान सामान्य से ज्यादा हो जाता है यानी गर्म हो जाता है. इस बार बनने के आसार दिख रहे हैं. 

किस साल रही थी सबसे ज्यादा गर्मी?

अगर इतिहास की बात करें कि किस साल में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ी थी, तो इसका स्पष्ट जवाब देना काफी मुश्किल है. वैसे तो हर साल गर्मी के रिकॉर्ड टूटते ही जा रहे हैं. भारत के हिसाब से देखें तो पिछले कुछ सालों में साल 2015 को सबसे गर्म साल माना जाता है. इसके पीछे दावा ये है कि इस साल देश के कई शहरों में तापमान 48 डिग्री तक चला गया था और लू का भारी आक्रमण था. माना जाता है कि दुनिया की सबसे खतरनाक लू में इस वक्त की लू का पांचवा स्थान था. 

इसके अलावा, कई रिपोर्ट में 2010 को सबसे गर्म सालों में से माना जाता है. इसके पीछे दावा ये है कि इस साल करीब 30 दिन दिल्ली में 42 डिग्री पारा रहा था, इसे 1951 के बाद से सबसे गर्म माना जाता है. वहीं, 2012 में 30 तक इतना पारा रहा था. इसके अलावा 2019 में 16, 2018 में 19, 2017 में 15 , 2014 में 15, 2015 में 18 दिन पारा काफी ज्यादा रहा था. 

वहीं, कुछ रिपोर्ट में 2019 को सबसे गर्म साल माना जाता है. दरअसल, इस साल में राजस्थान के चुरू जैसे इलाकों में 50 से ज्यादा पारा पहुंच गया था. वहीं, राजस्थान के कई शहरों में लंबे समय तक पारा 45 डिग्री तक रहा था. 

यह भी पढ़ें- हवाई फायरिंग के बाद गोली का क्या होता है, बंदूक से निकलने के बाद कहां चली जाती है?



Source link


Share to Support us

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Download Our Android Application for More Updates

X