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होलिका दहन और होली के प्राकृतिक रंग शरीर के लिए लाभकारी, जान लीजिए होली का वैज्ञानिक महत्व

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Holi 2023 Religious and Scientific Importance: होली का त्योहार बुधवार 08 मार्च को मनाया जाएगा और आज मंगलवार को होलिका दहन की जाएगी. होली के मौके पर बाजार रंग-बिरंगे गुलाल से सजे हुए हैं, घर-घर से गुजिया की मीठी सुगंध आनी शुरू हो गई है और हर चेहरा रंग से सराबोर नजर आता है.

होलिका दहन और होली की धार्मिक कहानियां विष्णु भक्त प्रह्लाद, होलिका, राजा हिरण्यकश्यप, राधा-कृष्ण, भगवान शिव और भगवान राम से जुड़ी हुई है. वहीं इसका वैज्ञानिक महत्व भी कम नहीं है, जिसे समझना उतना ही जरूरी है, जितना की होली के त्योहार को मनाना. जानते हैं होली के रंग और होलिका दहन के वैज्ञानिक महत्व और लाभ के बारे में.

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से होलिका दहन के लाभ

होलिका दहन केवल गांव और कस्बों में ही नहीं बल्कि शहरों में भी हर गली, चौक और चौराहे पर जलाई जाती है. होलिका दहन उस समय पड़ती है जब शीत ऋतु का गमन और ग्रीम ऋतु का आगमन हो रहा होता है. इस दौरान मौसम में तेजी से बदलाव आते हैं, जिससे संक्रमण और बीमारी फैलाने वाले कई तरह के बैक्टीरिया जन्म लेते हैं. होलिका दहन की अग्नि से उस इलाके के आस-पास मौजूद बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं और इससे बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है.

वहीं होलिका दहन के दौरान होलिका की अग्नि की परिक्रमा करने का महत्व है. ऐसे में परिक्रमा करते समय शरीर का तापमान 50 डिग्री से पार कर हो जाता है और अग्नि की ताप से शरीर में गर्माहट महसूस होती है. इस गर्मी से शरीर में मौजूद बैक्टीरिया और कीटाणुओं का भी नाश हो जाता है.

होली से पहले लोग अपने घर की साफ-सफाई भी करते हैं और घर की सफाई होने से घर पर मौजूद धूल-मिट्टी में बैक्टीरिया भी खत्म हो जाते हैं. हिंदू धर्म में विशेष त्योहारों पर कोने-कोने की सफाई करने का महत्व होता है. आम दिनों की सफाई केवल झाड़ू-पोंछे से ये गंदगी साफ नहीं हो पाती है.  

होली के प्राकृतिक रंग शरीर के लिए लाभकारी

होली में वैसे तो लोग कई तरह के रंगों का प्रयोग करते हैं जोकि कैमिकल से भरे होते हैं और त्वचा के लिए नुकसानदायक होते हैं. लेकिन होली पर हमेशा हर्बल या प्राकृतिक रंगों का ही प्रयोग करें जोकि पलाश,जासौन, गेंदा, चुकंदर आदि से तैयार किए जाते हैं. इस तरह के रंगों से होली खेलने से शरीर में स्फूर्ति आती है और त्वचा को भी कोई नुकसान नहीं होता. क्योंकि प्राकृतिक रंग आलस को दूर भगाने में मदद करते हैं.

इसलिए होली मनाएं और जमकर मनाएं. क्योंकि होली मनाने के पीछे केवल पौराणिक मान्यताएं ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक लाभ भी हैं.

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Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.



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