ऐसे तो दुनिया के हर देश में भूतों से जुड़ी कई कहानियां हैं. लेकिन पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कराची शहर में एक ऐसा महल है जिसके आसपास सूरज ढलने के बाद जाने की कोई हिम्मत नहीं करता. पाकिस्तान के लोकल डिजिटल पब्लिकेशन Brandsynario पर छपी एक खबर के मुताबिक, यहां रात के वक्त अजीब अजीब सी अवाजें आती हैं. यहां के गार्ड तो यहां तक कहते हैं कि रात को ऐसा लगता है जैसे इस महल के कमरों में बड़ी बड़ी पार्टियां हो रही हैं. दरअसल, 1927 में राजस्थान के एक हिंदू बिजनेसमैन द्वारा बनाए गए इस महल को अब पाकिस्तान सरकार ने म्यूजियम बना दिया है. लेकिन इसके बाद भी रात को कोई यहां जाने की जहमत नहीं उठाता.
क्यों बनाया गया था ये महल?
इतिहास में दर्ज कहानियों के मुताबिक, इस महल को साल 1927 में राजस्थान के एक मारवाड़ी व्यापारी शिवरतन चंद्ररतन मोहट्टा ने अपनी पत्नी की मोहब्बत में बनवाया था. इस लव स्टोरी की चर्चा आज भी पाकिस्तान और भारत में होती है. दरअसल, शिवरतन चंद्ररतन मोहट्टा की पत्नी एक गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं. डॉक्टरों ने शिवरतन को सलाह दी कि वो अपनी पत्नी को एक ऐसी जगह रखें जहां उन्हें समुंदर की ताजी हवा मिले. इससे उनकी सेहत में सुधार हो सकता है. ये बात सुनते ही शिवरतन चंद्ररतन मोहट्टा ने जयपुर से खास कारिगरों को बुलवाया और इस महल को तैयार कराया. कहते हैं कि उस दौर में इस महल में खूब पार्टियां हुआ करती थीं.
क्या है इस महल के नीचे बने सुंरग की कहानी?
कहते हैं कि इस लोकप्रिय मोहट्टा महल के नीचे एक सुरंग है जो महल से होते हुए कराची के ही एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर तक जाती है. शिवरतन चंद्ररतन मोहट्टा ने ये सुंरग इसलिए बनवाई थी ताकि उनकी बीमार पत्नी हर रोज बिना किसी दिक्कत के सुरक्षित रूप से मंदिर तक जा सकें और अपना पूजा पाठ कर सकें. लोगों का मानना है कि ब्रिटिश हुकूमत के समय इस महल में कई ऐसे काम हुए जिन्होंने इसे भूतों का घर बना दिया.
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