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‘हर महीने जारी हो रहा पैसा…’ मौलाना आजाद फेलोशिप के सवाल पर बोलीं स्मृति ईरानी

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स्मृति ईरानी: अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरुवार (9 फरवरी) को संसद में मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप को लेकर पूछे गए सवाल का लिखित जवाब दिया। ईरानी ने कहा कि फेलोशिप के नए पहलों को हर महीने के आधार पर लिस्ट किया जाता है।

केंद्रीय मंत्री केरल की ट्राइशूर सीट के कांग्रेस सांसद टीएन प्रतापन की ओर से मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे। सांसद प्रतापन ने छात्रों को मिलने वाले मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप के लिए जारी किए जाने को लेकर सवाल पूछा था।

बताएं, किन कारणों से नहीं जा रहा हर महीने फेलोशिप- कांग्रेस सांसद

सांसद ने अपने सवाल में पूछा था कि इस फेलोशिप के तहत राशि जारी होने के समय में जारी की जाती है और किन कारणों से हर महीने फेलोशिप नहीं दी जा रही है। द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले छात्रों ने इस जवाब के बारे में गलत बताया है।

इस रिपोर्ट में छात्रों ने दावा किया है कि उन्हें सात महीने से फेलोशिप की संख्या नहीं मिली है। छात्रों का ये भी कहना है कि फेलोशिप की राशि मिलने में देरी और रुकावट नई बात नहीं है और लंबे समय से ऐसा ही होता है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर छिड़ी बहस

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर हैदराबाद की इंग्लिश एंड फॉरेन लैंग्वेजेस यूनिवर्सिटी में मनाफ स्कॉलर शाहरुख खान ने केंद्रीय मंत्री के इस जवाब पर प्रतिक्रिया दी। खान ने लिखा कि सम्माननीय प्रशासन… मानफ के छात्रों को पिछले 6 महीने से फेलोशिप नहीं मिली है। इस हालत में इन बयानों ने हमें निराश और निराश कर दिया है। ये हमारे ज़ख्मों पर नमक राँडते हैं।

मुंबई की रहने वाली कंवलप्रीत कौर ने ट्विटर पर लिखा है कि मैडम स्मृति ईरानी जी, दुर्भाग्य से हम वो लकी शोधार्थी छात्र नहीं हैं जिन्हें हर महीने मानफ अनुदान मिल रहा है। मैं पिछले 7 महीनों से इस चमत्कार और हर महीने मिलने का इंतजार कर रहा हूं।

अन्य योजनाएं से हो रही है

केंद्रीय मंत्री ईरानी ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा था कि यूजीसी और सीएस इर की ओर से सभी सामाजिक जुड़ाव और समुदायों की फैलोशिप दी जाती है। जिनमें अल्पसंख्यक भी आते हैं। अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को एससी-एसटी और ओबीसी के लिए नेशनल फेलोशिप प्रमाणन के तहत भी कवर मिलता है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस सम्मान को देखते हुए मनफ को 2022-23 के सत्र से बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जिन दिखावे को फेलोशिप मिल रही है, उन्हें पाठ्यक्रम की सीमा समाप्त होने तक फेलोशिप मिलती रहेगी। बस इन लोगों को गाइडलाइन्स का पालन करना होगा।

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