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हर खेत तक पहुंचेगी पंजाब सरकार, 31 मार्च तक तैयार होने वाली नई कृषि नीति में है बहुत कुछ खास

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Agriculture Growth In Punjab: देश के प्रत्येक राज्य में एग्रीकल्चर ग्रोथ को लेकर काम किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश समेत सभी राज्य किसानों की खेती-बाड़ी को प्रोत्साहित करते हैं. पाकिस्तान बॉर्डर से सटा पंजाब राज्य भी खेती को लेकर देश में विशिष्ट पहचान रखता है. यहां की बड़ी आबादी खेती से जुड़ी है. किसान को उन्नत करने के लिए राज्य सरकार लगातार कदम उठा रही है. पंजाब सरकार अब नई कवायद में जुटी है.

पंजाब में 31 मार्च तक तैयार होगी नई कृषि नीति

पंजाब सरकार किसानों को समृद्ध बनाने और कृषि क्षेत्र को उन्नत करने के लिए लगातार कदम उठा रही है. राज्य सरकार ने नई कृषि नीति तैयार करने में लग हुई है. 31 मार्च तक नई कृषि नीति तैयार की जाएगी. इसके लिए राज्य सरकार के स्तर से ग्राउंड लेवल पर काम शुरू कर दिया गया है. राज्य सरकार इस नीति की मदद से प्रदेश के हर किसान के खेत तक पहुंचने का खाका तैयार कर रही है. 

11 सदस्यीय कमेटी गठित

नई कृषि नीति को लेकर पंजाब सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. नीति को लेकर 11 सदस्यीय कमेटी गठित की गई है. राज्य सरकार के अनुसार, कमेटी में सचिव कृषि राहुल तिवारी को मैंबर, चेयरमैन पंजाब राज्य किसान और कृषि श्रमिक आयोग डॉ. सुखपाल सिंह को कनवीनर, वाइस चांसलर पी.ए.यू. लुधियाना डॉ. एस.एस. गोसल, वाइस चांसलर गुरु अंगद देव वेटरिनरी एंड एनिमल साईंसेज यूनिवर्सिटी लुधियाना डॉ. इंद्रजीत सिंह, अर्थशास्त्री डॉ. सुच्चा सिंह गिल, पूर्व वाइस चांसलर पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला डॉ. बी.एस. घुम्मण, पूर्व डॉयरैक्टर बागबानी पंजाब डॉ. गुरकंवल सिंह, सलाहकार पंजाब जल नियंत्रण और विकास अथॉरिटी राजेश वैशिष्ट, पूर्व डॉयरैक्टर कृषि पंजाब डॉ. बलविन्दर सिंह सिद्धू, प्रधान पी.ए.यू. किसान क्लब अमरिंदर सिंह और चेयरमैन पनसीड महेंद्र सिंह सिद्धू आदि को सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है. 

कृषि ग्रोथ के इन बिंदुओं पर काम करेगी राज्य सरकार

पंजाब के कृषि मंत्री ने बताया कि पंजाब सरकार कृषि में ग्रोथ के लिए कई बिंदुओं पर काम करेगी. इनमें जमीनी पानी, मिट्टी की सेहत और भौगोलिक स्थितियों को प्रमुख रूप से ध्यान रखा गया है. नई कृषि नीति की मदद से किसानों की आर्थिक स्थिति भी सुधारी जानी है. इसे लेकर कृषि पैदावार में गुणवत्ता, निर्यात और कृषि विभिन्नता समेत अन्य बिंदुओं पर भी ध्यान रखा गया है. 

बासमती चावल के निर्यात को तैयार होगी नई रणनीति

बासमती चावल पंजाब की पहचान है. यह यहां पर काफी मात्रा में पैदा किया जाता है. इस बासमती चावल को वैश्विक पटल पर चमकाने के लिए राज्य सरकार काम कर रही है. इस नई कृषि नीति में बासमती को परमल धान के विकल्प के तौर पर अपनाने और बासमती निर्यात को प्रोत्साहित करने के प्रस्ताव के रूप में भी शामिल किया जाएगा. 

जहर मुक्त कृषि मॉडल देगी पंजाब सरकार

पंजाब सरकार का कहना है कि राज्य खराब एनवायरमेंट से परेशान है. इसका सीधा असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है. जमीन की उर्वरकता घटी है. उपजाऊ भूमि अब गैर-उपजाऊ भूमि में बदल रही है. जमीन का पानी जहरीला हो रहा है. इन परिस्थतियों को बदलने के लिए राज्य सरकार जहर मुक्त कृषि मॉडल देने की दिशा में काम कर रही है. 

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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