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सैलरीड क्लास के बजट 2023 से कई लोगों को टैक्स से राहत मिलने की उम्मीद है?

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केंद्रीय बजट 2023: वित्त वर्ष 2023-24 (बजट 2023-24) का बजट पेश होने में अब कुछ ही दिनों में बचत है। ऐसे में बजट से पहले देश के हर वर्ग को उम्मीद है कि इस बार के बजट में उनके लिए कुछ खास होगा। 1 फरवरी, 2023 को वित्त मंत्री निर्मल ने संसद में बजट पेश किया। बजट से पहले देश के सैलरीड क्लास टैक्सपेयर्स (टैक्सपेयर्स) को कई उम्मीदें हैं। लंबे समय से भारत टैक्स में किसी तरह का बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। आखिरी बार बदलाव वित्त वर्ष 2017-18 में हुआ था जब सरकार ने मौजूदा टैक्स सिस्टम के साथ ही एक और विकल्प लोगों को दिया है। मगर ज्यादातर लोगों ने पुराने सिस्टम को ही पसंद किया है। 31 जनवरी, 2023 से संसद में बजट का सत्र शुरू हो रहा है और 1 फरवरी को वित्त मंत्री अपने बजट भाषण को पेश करेंगे। चलिए हम सुझाव देते हैं कि देश के नौकरीपेशा वर्ग को बजट से क्या उम्मीदें हैं।

1. टैक्स में बदलाव
लंबे समय से देश के टैक्स अनुबंध (टैक्स स्लैब) में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। ऐसे में नौकरीपेशा लोगों की सबसे बड़ी मांग है कि टैक्स धोखाधड़ी में बदलाव करें। जिन लोगों की 20 लाख रुपये से ज्यादा सैलरी है वह अपनी आय पर 25 प्रतिशत टैक्स की मांग कर रहे हैं। वहीं 10 से 20 लाख रुपये के सैलरी वाले 20 प्रतिशत टैक्स की मांग कर रहे हैं। मौजूदा देश में 2.5 लाख रुपये से कम सैलरी पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं लगता है। 2.5 से 5 साल तक की सैलरी पर 5 प्रतिशत। 5 से 7.5 प्रतिशत पर 20 प्रतिशत टैक्स निरीक्षक है। वहीं 7.5 प्रतिशत से 10 साल रुपये की सैलरी पर 20 प्रतिशत और सबसे ज्यादा टैक्स घोटाला 30 प्रतिशत है।

2. 80सी के तहत टेक्स टैक्स छूट की मांग
इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत हर साल अनुरोधों को 1.5 लाख रुपये की छूट मिलती है। टैक्सपेयर्स (करदाताओं) की मांग है कि इस सीमा को 1.5 लाख रुपए से सींक लें। अगर सरकार इस सीमा को बढ़ाने का फैसला लेती है तो इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को इससे छूट का फायदा मिलेगा।

3. स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा बढ़ाने की मांग है
सैलरीड क्लास को इनकम टैक्स की धारा 16 (ia) के तहत 50,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट के तहत हर साल छूट मिलती है। ऐसे में इस साल सैलरीड क्लास को उम्मीद है कि इस साल इस सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये तक कर दिया जाएगा।

4. 80CCD(1B) की लिमिट बढ़ाने की मांग है
इस साल नौकरीपेशा लोगों को उम्मीद है कि शेयरमेंट प्लान में निवेश करने पर उन्हें ज्यादा टैक्स पर छूट मिलेगी। इसके लिए सरकार टैक्स टैक्स की धारा 80CCD(1B) टैक्स टैक्स छूट की सीमा को 50,00 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपए तक कर दें।

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