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सीरिया के रॉकेट हमलों के जवाब में इजरायली फाइटर जेट से दागे गए बम, क्षेत्रीय तनाव में हुआ अब भी

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इस्राइल ने सीरिया में कई ठिकानों को निशाना बनाया: इजरायल ने रविवार (9 अप्रैल) को सीरिया के सैन्य ठिकानों पर हमला किया। इजरायल ने इसे जवाबी कार्रवाई बताया। इजरायल का कहना है कि सीरिया की ओर से छह रॉकेट दागे गए थे, जिसके बाद उसने सीरिया में अपने नियंत्रण वाले इलाके में हमला किया। बीबीसी की एक रिपोर्ट में इज़राइली सेना के बारे में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली वायु सेना ने कहा है कि उसका लड़ाकू जेट और एक रॉकेट रॉकेट लॉन्चरों के साथ-साथ सीरियाई सैन्य परिसर, व्यूअर सिस्टम और आर्टिलरी को भी फोकस बनाया है।

सीरिया ने कहा कि हमलों से मैटेरियल डैमेज हुआ है। वहीं, गोगान हाइट्स में कब्जे वाले सीरिया से रॉकेट का दावा किया कि एक फिलिस्तीनी चरमपंथी समूह ने किया है। बताया गया कि इससे जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के दिनों में दक्षिणी लेबनान और गाजा पट्टी की गतिविधियों की चिंगारी से इजरायल भी आ गया है, जिसने उसे दोनों क्षेत्रों में फिलिस्तीनी लड़ाकों के खिलाफ जवाबी हमले करने के लिए प्रेरित किया है।

तोपों से भी हमला

अलजजीरा की एक रिपोर्ट में इजरायली सेना के निशाने से बताया गया कि शनिवार को सीरियाई इलाके से उत्तरी इजरायल में कई रॉकेट दागे गए, जिसके बाद उसने (इजरायल) सीरिया पर तोपों से हमला किया। इसमें कहा गया है कि हमले में कोई नुकसान या हताहत नहीं हुआ है।

बढ़ा हुआ क्षेत्रीय तनाव

बीबीसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि इजरायली पुलिस ने हाल ही में यरुशलम स्थित अल-अक्सोज मस्जिद में कार्रवाई की थी, जिसके बाद तनाव में इजाफ के बाद इजरायल और सीरिया के बीच ये हमले देखे गए।

वहीं अन्य रिपोर्टों के अनुसार, रविवार (9 अप्रैल) को भी क्षेत्रीय तनाव बढ़ गया क्योंकि यहूदी समुदाय के लोग पासोवर पर्व के कारण पश्चिमी दीवार के पास घिरे हुए थे। वहीं, रमजान के महीने में अलोक्स में नमाज अदा करने आए फिलिस्तीनियों ने परिसर में यहूदियों की मौजूदगी का विरोध किया। इस दौरान पुलिस कड़ा पहरा दे रही है।

फिलिस्तीनियों को ये आशंका

रिपोर्ट के अनुसार हाल के वर्षों में अल अक्सा परिसर में संदेशों के आने की तादाद मिलती है। इसकी वजह से फिलिस्तीनियों को आशंका है कि इजरायल पूरे हिस्से पर अपना नियंत्रण करने की कोशिश कर रहा है।

इज़राइली अधिकारियों ने कहा कि परिसर में रहने वाले लंबे समय तक रहने वाली व्यवस्था को वे प्राप्त नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुस्लिमों के अधिकार क्षेत्र के हिस्से में यहूदी प्रार्थना नहीं करते हैं।

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