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साढ़ेसाती के दुष्प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए शनिवार को करें लोबान का ये उपाय, शनि देव होंगे शां

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Saturday Puja, Shani Dev: नौ ग्रहों में शनिदेव को न्यायाधीश माना गया है। यही ग्रह हमारे कर्मों का फल प्रदान करता है. शनि सूर्यदेव के पुत्र हैं और मकर-कुंभ राशि के स्वामी हैं. शनि देव उन लोगों को कभी परेशान नहीं करते जो परिश्रम करते हैं, अनुशासन में रहते हैं, धर्म का पालन करते हैं और सभी का सम्मान करते हैं.

ग्रहों में शनि सबसे धीमे चलने वाला ग्रह है. जिस राशि में शनि विराजमान होते हैं उस राशि के साथ एक आगे और एक पीछे राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहता है. साढ़ेसाती बहुत कष्टदायी होती है लेकिन कुछ विशेष उपाय कर शनि देव के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है.

शनिवार को करें साढ़ेसाती का ये अचूक टोटक (Shani dev Sade Sati Totke)

शमी की लकड़ियों का उपाय – शास्त्रों के अनुसार शमी को शनि का पेड़ माना जाता है. शनिवार शाम को शमी के पौधे के नीचे दीपक जलाने से शनि संबंधित पीड़ा से निजात मिलती है. यदि कुंडली में शनि मारक हो तो शमी की लकड़ियों पर तिल के दानों से हवन करना चाहिए. साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव को कम करने के लिए ये उपाय बहुत लाभकारी है.

लोबान का टोटका देगा लाभ – शनि को प्रकोप से बचने के लिए शनिवार के दिन लोबान की धूप जलाकर पूरे घर में उसका धुआं करें. लोबान शनि का प्रिय एक ऐसा पत्थर है जिसकी धूप करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है तथा नकारात्मक शक्तियों का अंत होता है. लोबान में सबसे अधिक लोहा पाया जाता है जिसके चलने से एक विशिष्ट गंध का धूआं उत्पन्न होता है, जिससे शनि देव प्रसन्न होते हैं.

पीपल का पौधा – संतान प्राप्ति के लिए और शनि पीड़ा की शांति के लिए शनिवार के दिन पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए.मान्यता है इससे शनि दोष से राहत मिलती है. शनिवार को काले तिल का दान करें. चमड़े के जूते-चप्पल दान करना भी शुभ माना गया है.

शनिवार की पूजा में ध्यान रखें ये नियम (Shaniwar Puja Niyam)

  • शनि देव पश्चिम दिशा के स्वामी माने गए हैं, इसलिए इनकी पूजा करते समय या शनि मंत्रों का जाप करते समय भक्त का मुख पश्चिक दिशा में ही होना चाहिए.
  • शनि देव की पूजा में तांबे के बर्तनों का उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि तांबा सूर्य की धातु है. शनि और सूर्य एक-दूसरे के शत्रु माने गए हैं. शनि की पूजा में लोहे के बर्तनों का ही उपयोग करना चाहिए. लोहे का या मिट्टी का दीपक जलाएं, लोहे के बर्तन में भरकर शनि को तेल चढ़ाएं.

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Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.



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