South Africa Fire Incident: दक्षिण अफ्रीका (South Africa) के जोहान्सबर्ग (Johannesburg) में बेघर लोगों के लिए बने अपार्टमेंट की इमारत में रात के समय आग लग गई. ये आग 31 अगस्त को देर रात करीब 1 बजे लगी. अपार्टमेंट में आग लगने की वजह से कम से कम 74 लोग मारे गए. मारे गए लोगों में कम से कम 12 बच्चे थे, जिनमें सबसे छोटा 1 साल का बच्चा था.
AP की रिपोर्ट के मुताबिक जोहान्सबर्ग के डॉक्टरों के मुताबिक मारे गए लोगों के अलावा अभी भी कई लोग लापता हैं, जबकि 50 से अधिक लोग घायल है. घायलों का हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से 6 लोगों की हालत गंभीर है. आपातकालीन सेवा के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है.
’20 साल की सर्विस में पहले ऐसा कभी नहीं देखा’
जोहान्सबर्ग के अधिकारियों ने कहा कि आग लगने के 12 घंटे से ज्यादा समय तक घटनास्थल पर इमारत में फंसे लोगों की तलाश की जा रही है. फायर ब्रिगेड की टीम ने इमारत के अंदर से पाए गए दर्जनों शवों को अपार्टमेंट ब्लॉक के बाहर सड़क के किनारे रख दिया. उन्होंने कुछ डेड बॉडी को बैग में रखा, वहीं कुछ डेड बॉडी के ऊपर सफेद चादर ढक दिया.
इसके कुछ देर के बाद पैथोलॉजी विभाग के लोगों ने डेड बॉडी को गाड़ियों में भरकर ले गए. इस घटना पर बात करते हुए जोहान्सबर्ग इमरजेंसी सर्विस मैनेजमेंट के प्रवक्ता रॉबर्ट मुलौदज़ी ने कहा कि उन्होंने अपनी 20 साल की सर्विस में पहले ऐसा कभी नहीं देखा था.
बच्चों को बचाने के लिए इमारत से फेंका
जोहान्सबर्ग के इमारत में आग लगने की वजह अभी तक सामने नहीं आयी है. हालांकि, शुरुआती जांच के मुताबिक आग मोमबत्ती की वजह से लगी थी. जांच अधिकारियों ने कहा कि इमारत में रहने वाले लोग अक्सर रोशनी के लिए और सर्दियों की ठंड में गर्म रहने के लिए मोमबत्तियों और आग का इस्तेमाल करते हैं. वहीं आग बूझने के बाद भी काली पड़ चुकी इमारत से धुआं निकल रहा था.
आग की चपेट में आने से जले हुए कंबल और चादरें टूटी हुई खिड़कियों से रस्सियों की तरह लटक रहे थे, जिससे पता चल रहा था कि लोगों ने आग की लपटों से बचने के लिए उनका इस्तेमाल किया गया था.जीवित बचे लोगों में से कुछ ने बताया कि कैसे वे खिड़कियों से बाहर कूद गए. उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने बच्चों को बचाने के लिए ऊपर से नीचे फेंक दिया था.