<p style="text-align: justify;"><strong>Animal Husbandry:</strong> सर्दियों का मौसम अपने पीक पर है. इस समय तापमान लगातार गिरता जा रहा है. शीतलहर और सर्द हवाएं जनजीवन बेहाल कर रही हैं. गांव में भी हालात काफी चुनौतीपूर्ण हो जाते हैं. एक तरफ किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे होते हैं. दूसरी तरफ पशुओं के लिए भी यह मौसम काफी कठिनाई भरा होता है, इसीलिए पशु विशेषज्ञ मवेशियों के खाने-पीने और इनकी खास देखभाल करने की हिदायत देते हैं. इस मौसम में पशुओं की सेहत के साथ किसी भी तरह की लापरवाही बेहद भारी पड़ सकती है.</p>
<p style="text-align: justify;">खास तौर पर बकरी जैसे छोटे पशुओं की बात करें तो कई बार सर्दी में ठिठुरन बढ़ने से सर्दी जुकाम और बीमारियों की शिकार हो जाती हैं. इन सभी समस्याओं से बकरियों को बचाने के लिए संतुलित आहार से लेकर रहन-सहन आदि का भी सही प्रबंधन करना होगा. समय पर टीकाकरण करवाना होगा, ताकि बीमारियों से जान माल की हानि ना हो.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>संतुलित आहार दें </strong></p>
<p style="text-align: justify;">पशु विशेषज्ञ बताते हैं कि सर्दी में बकरियों को खास आहार की आवश्यकता होती है. बकरियों से रोजाना अच्छी मात्रा में दूध दुहाने के लिए अच्छी डाइट देनी होगी. इस मौसम में बकरियों को अरहर, चना, मसूर का भूसा खिलाएं. रोजाना 50 ग्राम मेथी और 30 ग्राम गुड खिलाने से बकरियों पर शीतलहर का बुरा असर नहीं पड़ता. साधारण चारे की जगह बकरियों को नीम, पीपल, जामुन, बरगद और बबूल की पत्तियां खिलानी चाहिए.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ताजा पानी पिलाएं </strong></p>
<p style="text-align: justify;">बढ़ती ठंड के बीच बकरियों में पानी की कमी हो जाती है. इससे सेहत बिगड़ने लगती है और दूध का उत्पादन नहीं मिलता, इसलिए समय-समय पर बकरियों को साफ और ताजा पानी पिलाते रहे. यदि पीने के पानी का टैंक बनाया है तो उसमें बुझा हुआ चूना डालें, जिससे बकरियों में कैल्शियम की कमी भी पूरी होती रहेगी.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सर्दी से बचाएं</strong></p>
<p style="text-align: justify;">बकरियों को को ठंड और शीतलहर से बचाने के लिए तबेले में विशेष प्रबंध करें. खास तौर पर बकरियों के मेमने के लिए कपड़े या बिछावन का भी इंतजाम करें. कई बार ठंड की गिरफ्त में आने से मेमनों को निमोनिया हो जाता है.</p>
<p style="text-align: justify;">ऐसी दिक्कत होने पर पशु चिकित्सक से संपर्क करें. सर्दियों में पशु बाड़े को कवर करके रखें, ताकि ठंडी हवा अंदर ना आ पाए. तबेले के अंदर भी साफ सफाई करके चूना और फिनायल का छिड़काव करें, जिससे इंफेक्शन फैलने का खतरा ना रहे.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>गर्माहट बनाएं </strong></p>
<p style="text-align: justify;">अकसर सुबह और शाम तापमान में गिरावट देखी जाती है. इस समय पशु बाड़े में अंगूठी या आग जलाकर हल्की गर्माहट बनाएं, जिससे पशु कंफर्टेबल होकर सो सकें. पशुओं के ओढ़ने के लिए जूट के बोरे से पल्लियां बनाएं और हमेशा सुखी बिछावन का इस्तेमाल करें. धूप निकलने पर पशुओं को खुला छोड़ दें, जिससे उनके शरीर में रक्त का संचार बना रहे.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>परजीवियों से बचाएं </strong></p>
<p style="text-align: justify;">सर्दियों में बैक्टीरिया और वायरस फैलने का खतरा बना रहता है. इससे बकरियों में दूध का उत्पादन तो प्रभावित होता ही है, उनके नवजात में मेमनों भी दस्त और निमोनिया की शिकायत हो जाती है. कई बार इस समस्या से जूझने हुए मेमने मौत के मुंह में भी चले जाते हैं, इसलिए पशु विशेषज्ञों की सलाह पर बकरी और मेमना को कृमीनाशक दवाई पिलाएं.</p>
<p style="text-align: justify;">इसके अलावा, बकरियों को जूं, पिस्सू, किलनी से बचाने के लिए साफ-सफाई का खास ख्याल रखें. धूप निकलने पर बकरी और मेमनों को नहलाएं और धूप दिखाएं. आवश्यकता पड़ने पर बकरियों को टीके लगावाना भी फायदेमंद रहेगा.</p>
<p><strong>Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.</strong></p>
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