पहलवानों के विरोध पर अनुराग ठाकुर: सरकार ने पहलवानों से बातचीत के लिए फिर आमंत्रित किया है। इस बात की जानकारी केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी है। खेल मंत्री ने ट्वीट किया, ”सरकार पहलवानों से उनके मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है। मैंने एक बार फिर पहलवानों को इसके लिए आमंत्रित किया है।”
इससे पहले ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया ने मीडिया को जानकारी दी थी कि शनिवार (3 जून) रात के पहलवानों और उनके कोचों के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक हुई थी। पूनिया ने कहा था कि गृह मंत्री ने मुद्दों को हल नहीं किया था।
सरकार पहलवानों से उनके मुद्दों पर चर्चा करने को तैयार है।
मैंने एक बार फिर पहलवानों को इसके लिए आमंत्रित किया है।
– अनुराग ठाकुर (@ianuragthakur) 6 जून, 2023
बजरंग पूनिया सहित पहलवान बोले- नौकरी का डर मत दिखाओ
इससे पहले सोमवार (5 जून) को खबर आई थी कि पहलवान रेलवे की नौकरी पर लौट आए हैं। इस पर शीर्ष स्टार बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने सोमवार (5 जून) को ट्वीट कर कहा, ”हमारे लोगों को 15-15 रुपये के वाले वाले अब हमारी नौकरी के पीछे पड़ गए हैं। हमारे जीवन दांव पर लगी है, उसके आगे की नौकरी तो बहुत छोटी चीज है। अगर नौकरी इंसाफ के रास्ते में अडचन पैदा होती है तो उसका त्याग करने में हम दस पेपर का वक्त भी नहीं लेंगे। नौकरी का डर मत दिखाओ।”
एक और ट्वीटर रेसलर बजरंग पूनिया ने देशवासियों से किसी अफवाह से दूर रहने की अपील की थी और कहा था कि जब तक न्याय मिल नहीं जाता तब तक लड़ाई (आंदोलन) जारी रहेगी।
बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों के प्रदर्शन का मामला
- यौन शोषण के जेहाद के तहत बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए इसी साल 18 जनवरी को बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सहित करीब 30 गवाह जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे। 19 जनवरी को देर से पहलवानों के खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ बातचीत हुई थी। तब बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और रवि दहिया ने खेल मंत्री से मुलाकात की थी। सरकार ने पहलवानों को मामले में कार्रवाई की क्षति पहुंचाई थी।
- इसके बाद 23 अप्रैल को पहलवान फिर से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए थे। 24 अप्रैल खेल मंत्रालय ने कहा था कि भारतीय ओलंपिक संघ 45 दिनों के अंदर कुश्ती महासंघ की कार्यकारी समिति के चुनाव के लिए एक तदर्थ समिति (अस्थायी समिति) का गठन करेगा।
- 13 मई को खबर आई कि भारतीय ओलंपिक संघ ने भारतीय कुश्ती महासंघ के सभी अधिकारियों के इस निकाय के संचालन से जुड़े किसी भी तरह के अधिकारिक कार्य करने और निर्णय निर्णय पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाद 7 मई को कुश्ती महासंघ के चुनाव हुए, उनमें से खेल मंत्रालय ने रद्द कर दिया था।
- पहलवान लगातार भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो स्थितियाँ दर्ज की हैं। 28 मई को पहलवानों ने नई संसद के पास महिला महापंचायत करने की कोशिश की थी, जिसके चलते पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था और जंतर-मंतर से उनका सामान हटा दिया था।
- इसके बाद पहलवानों ने अपने पदक के चारों ओर गंगा नदी में पाखंड का प्रयास किया था। हालांकि, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत और अन्य बेरोजगारों के अनुरोध पर किसानों ने मेडल नहीं बहाए थे। किसानों ने पहलवानों का समर्थन 1 जून को यूपी के मुजफ्फरनगर और 2 जून को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में खाप महापंचायत की थी।
- इस बीच मंगलवार (6 जून) को दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप की जांच के मद्देनजर उनके साथियों और यूपी के गोंडा में उनके आवास पर काम करने वाले लोगों के बयान भी दर्ज किए। अभी तक के पहलवानों ने कहा है कि न्याय मिलने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
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