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शार्क टैंक की जज को Panic Attack, जानते हैं ये बीमारी क्या होती है?

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Panic Attack Symptoms: खराब लाइफ स्टाइल, भागदौड़ भरी जिंदगी और तनाव, आजकल के एनवायरमेंट में ये कारक बीमारियों की प्रमुख वजह बनकर उभर आए हैं. इन वजहों से जहां लोग हाइपरटेंशन, शुगर के मरीज बन रहे हैं. वहीं, दिमागी रूप से भी बीमार होते जा रहे हैं. पैनिक अटैक भी इमोशंस से जुड़ी हुई एक बीमारी है. टीवी पर आने वाले शो शार्क टैंक इंडिया टू में जज की भूमिका निभाने वाली विनीता सिंह ने हाल में सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि स्वीमिंग कंप्टीशन के दौरान उन्हें इस परेशानी से रूबरू होना पड़ा था. इसके बाद से एक बार फिर इस बीमारी की चर्चा तेज हो गई है. इस बीमारी के बारे में जानकारी होना जरूरी है, ताकि समय रहते इनका इलाज किया जा सके. 

आखिर पैनिक अटैक होता क्या है?

पैनिक अटैक कहीं भी कभी भी किसी को हो सकता है. यह व्यक्ति की स्थिति और उसके इमोशंस पर निर्भर करता है. यदि व्यक्ति अधिक डरा हुआ रहता है तो उससे इस परेशानी के होने की अधिक संभावना है. परिवार में यदि पीढ़ी दर पीढ़ी यह बीमारी चली हो रही है तो अधिक संभावना है कि आप भी इसकी चपेट में आ जाएं. बार बार पैनिक अटैक आने से न्यूरोलॉजिकल बदलाव देखने को मिल सकते हैं. इसका असर दिल और दिमाग दोनों पर पड़ता है. 

पैनिक अटैक के लक्षण

अन्य बीमारियों की तरह पैनिक अटैक के भी लक्षण दिखते हैं. बेहोशी सी आना, डर का अहसास होना, धड़कनों का बढ़ जाना, दम घुटने जैसा महसूस होना, पूरी बॉडी में कंपन्न महसूस होना, सीने में दर्द और बैचेनी, हार्ट अटैक जैसे लक्षण दिखने लगना, सांस की स्पीड बढ़ जाना, उल्टी और लूज मोशन जैसी समस्या हो जाना इसके लक्षण होते हैं. 

क्यों आता है पैनिक अटैक

पैनिक अटैक आने के पीछे कुछ वजह भी शामिल होती हैं. इसके पीछे जेनेटिक कारण भी हो सकते हैं यानि पीढ़ी दर पीढ़ी ये बीमारी चली आ रही हो. बहुत ज्यादा तनाव और डर बना है, तब भी ये हावी हो सकता है. किसी तरह का फोबिया दिमाग में बैठा हुआ हो. जो लोग इमोशनली बेहद सेंसटिव होते हैं. उन्हें पैनिक अटैक आने का खतरा अधिक होता है. अधिक तनाव लेने वाले लोग भी इससे परेशान हो सकते हैं. 

बचाव के लिए क्या करें?

पैनिक अटैक जैसे लक्षण दिखने पर गहरी सांस लें और छोड़ते रहें. खुद का कान्पफीडेंस लेवल बिल्कुल लूज न करें. खुद को समझाएं कि यह बस कुछ देर की एंग्जाइटी है. आंखों को बंद कर अपनी सांसों पर ध्यान दें. यदि परेशानी बढ़ रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

 

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