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विटामिन डी की कमी कैसे दिल की बीमारी का जोखिम पैदा कर सकती है? जानिए क्या कहती है स्टडी

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Heart Health: पिछले कुछ सालों से दिल की बीमारी का खतरा लगातार बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह है खराब लाइफस्टाइल और खानपान, एक्सरसाइज ना करना गतिहीन जीवन जीना. अब तक हम यह सभी मानते आ रहे हैं की गत हीन जीवनशैली से दिल की बीमारी का खतरा होता है लेकिन अब एक नई स्टडी में पाया गया है कि विटामिन डी की कमी भी दिल के बीमारी को बढ़ावा देता है. हालांकि किसी भी नतीजे पर पहुंचने के लिए अभी भी कई अध्ययनों की आवश्यकता है लेकिन कई ऐसे अध्ययन भी हैं जिसमें ऐसे संकेत हैं कि विटामिन डी के कम स्तर और हृदय संबंधी घटनाओं और स्ट्रोक की उच्च दर के बीच संबंध पाया गया है. पिछले साल की शुरुआत में यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट में ऑस्ट्रेलियन सेंटर फॉर प्रीसीजन हेल्थ के निदेशक प्रोफेसर एलिना हाईपॉलिन और उनकी टीम ने यह सबूत पाया कि विटामिन डी की कमी रक्तचाप और सीवीडी के जोखिम को बढ़ा सकती है.

विटामिन डी के निम्न स्तर वाले रोगियों को दिल की बीमारी का खतरा

अब तक हम सब को यह मालूम था कि विटामिन डी की कमी पारंपरिक रूप से हड्डी और मांसपेशियों की कमजोरी से जुड़ी होती है, लेकिन हाल में हुए स्टडी से पता चलता है कि इसकी कमी से रक्तचाप कन्जेस्टिव हार्ट फैलियर और दिल से जुड़ी कई बीमारी हो सकती है.इसके अलावा एकेडमी ऑफ फैमिली फिजिशियन इन इंडिया की अधिकारिक पत्रिका द जर्नल ऑफ फैमिली मेडिसिन एंड प्रायमरी केयर के रिपोर्ट में पता चला है कि विटामिन डी के निम्न स्तर वाले रोगियों में हृदय रोग का जोखिम 60% अधिक था. साथ ही जनरल ऑफ क्लीनिकल हाइपरटेंशन का दावा है कि हार्ट फेल्योर को विटामिन बी की कमी से जोड़ा जा सकता है. हालाकी विटामिन डी हृदय रोगियों से कैसे रक्षा करता है इस पर अभी कुछ भी साफ नहीं है.

विटामिन डी कैसे दिल की सेहत के लिए फायदेमंद है

अगर आप हार्ट की समस्या से पीड़ित है तो आपको विटामिन डी की कमी होने की अधिक संभावना है विटामिन डी के सेवन को बढ़ाने से हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा मिल सकता है और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है.आपको बता दें कि विटामिन डी मानव शरीर में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों के साथ कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के लिए जाना जाता है, जो सीधे रक्तचाप को मेंटेन करने में मदद कर सकता है, इसकी कमी के कारण होने वाले सीवीडी मामलों के जोखिम को कम करता है. विटामिन डी का पर्याप्त स्तर आपके हृदय और रक्त वाहिकाओं को अच्छी कार्यशील स्थिति में रखता है. रक्त वाहिकाओं को दीवार के स्तर को मजबूत करता है ताकि ब्लड फ्रिली फ्लो हो सके .स्टडी बताती है कि विटामिन d3 हाई ब्लड प्रेशर के कारण हृदय और रक्त वाहिकाओं को हुए नुकसान की मरम्मत कर सकता है.

हमे विटामिन डी के कमी को कैसे पूरा करना चाहिए?

ये हम सबको पता है कि सूरज की रोशनी विटामिन डी का मुख्य स्रोत है लेकिन कभी-कभी शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोग खासकर महामारी के बाद बाहर से पर्याप्त विटामिन डी नहीं ले पाते हैं तो इस कमी को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट की आवश्यकता है.विटामिन डी एक आवश्यक पोषक तत्व है विटामिन डी प्राप्त करने के लिए कुछ अच्छे स्रोत जैसे मछली सेलमोन सार्डिन, हेरिंग और मैकरेल के साथ-साथ रेड मीट अंडे की जर्दी और फोर्टीफाइड फूड का सेवन करना चाहिए.

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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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