Railway Knowledge: जब से ओडिशा के बालासोर में रेल हादसा हुआ है. तब से रेलवे से जुड़े कई शब्द बार-बार सुनने में आ रहे हैं. इनमें मेन लाइन और लूप लाइन जैसे शब्द भी बार-बार आंखों के आगे आ रहे हैं. बालासोर में दुर्घटनाग्रस्त हुई कोरोमंडल एक्सप्रेस मेन लाइन पर न जाकर लूप लाइन खड़ी मालगाड़ी से जा भिड़ी थी, जिसके बाद वो त्रासदी हुई. ऐसे आइए आज रेलवे की लाइनों के बारे में ही जानते हैं.
कितनी तरह की होती हैं रेलवे लाइनें
मेन लाइन शब्द सुनकर तो शायद आपको भी थोड़ा आइडिया हो गया होगा कि ये मुख्य लाइन होती है. लेकिन इसके अलावा भी लाइन की 2 कैटेगरी और होती हैं. जिनमें पहली है ब्रांच लाइन और दूसरी है ट्रंक लाइन. वैसे इनके अलावा भी एक लूप लाइन होती है, लेकिन इसका काम सिर्फ रेलवे स्टेशन के आसपास होता है. दरअसल, लाइनों के आधार पर रेलगाड़ियों की स्पीड की लिमिट तय होती है. आइए एक-एक करके इनको समझते हैं.
ट्रंक लाइन क्या है?
अगर भारत के 4 बड़े शहरों दिल्ली मुंबई कोलकाता (हावड़ा) और चेन्नई को मिलाएं तो एक स्वर्णिम चतुर्भुज बनता है. इस प्रकार जब इन चारों महानगरों से रूट निकलते हैं तो बीच में 2 लाइनें एक दूसरे को काटती हैं. एक लाइन इटारसी के रास्ते होकर जाने वाली दिल्ली से चेन्नई को जाती है और दूसरी नागपुर से होकर मुंबई से कोलकाता. इस प्रकार इन 6 लाइनों से मिलकर ट्रंक रूट बनता है. हालांकि, साल 2000 के इनमें एक ट्रंक रूट और शामिल हुआ जो दिल्ली से गुवाहाटी के लिए है. इस प्रकार इन सात रूट की लाइनों को ट्रंक लाइन कहा जाता है. इनपर ट्रेनें अपनी अधिकतम स्पीड से दौड़ती हैं.
क्या होती है मेन लाइन?
इनके अलावा, बची हुई सभी मुख्य लाइनों को मेन लाइन कहा जाता है. गौरतलब है कि मेन लाइन, ट्रंक लाइन से अलग होती हैं. इनमें ट्रंक लाइन नहीं आती है. इनपर गाड़ी की स्पीड 100 से 130 किमी/घंटा तक होती है.
क्या होती है ब्रांच लाइन?
छोटे शहरों के स्टेशनों को मेन लाइन से जोड़ने का काम ब्रांच लाइन का होता है. इसलिए एक ही राज्य के किसी जिले से उसी राज्य की राजधानी तक आने वाली लाइन ब्रांच लाइन हो सकती है. इसपर ट्रेन की रफ्तार 100 किमी/घंटे से कम ही रखी जाती है.
मेन लाइन और लूप लाइन
स्टेशन के हिसाब से देखें तो मेन लाइन का मतलब थोड़ा बदल जाता है. सीधे तौर पर कहा जाए तो स्टेशन पर ट्रेन जिस ट्रैक से बिना रुके अपनी रफ्तार से गुजर जाए, वो मेन लाइन होती है. इससे अलग, जब ट्रेन स्टेशन पर रुकती है और ट्रैक चेंज करके प्लेटफार्म पर आती है तो उसे लूप लाइन कहा जाता है. लूप लाइन सिर्फ स्टेशनों पर होती है और इसकी लंबाई आमतौर पर 750 मीटर रखी जाती है.