रवींद्र जडेजा क्रिकेट करियर: वर्तमान में रवींद्र जडेजा क्रिकेट के दायरे में टॉप ऑलराउंडर्स की लिस्ट में शामिल है। यह खिलाड़ी परीक्षण हो, ऑस्ट्रेलिया हो या टी20 हो सकता है, सभी लचीलेपन में गेंद और बल्ले से लाजवाब प्रदर्शन कर रहा है। हाल ही में बढ़ी हुई सीमा-गावस्कर ट्रॉफी में उन्होंने अपने गेंदों से तो ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को परेशान ही रखा, साथ ही बल्लेबाजी करते हुए भी कुछ अहम पारियां खेली। ऑस्ट्रेलिया सीरीज के पहले भी वो ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ रहे थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह दिग्गज स्पिन ऑलराउंडर एक झटके में तेजी से बॉलर बनने का सपना देखता था?
रवींद्र जडेजा ने स्टार स्पोर्ट्स के साथ बातचीत में अपने बचपन के सपने को छोड़ा। उन्होंने कहा कि वह हमेशा से एक तेज समुद्र बनना चाहते थे और बाउंसर फेंकना उन्हें सबसे अच्छा लगता था।
‘मैं बल्लेबाजों को बाउंसर फेंकना चाहता था’
जडेजा ने बताया, ‘जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था, तो मैं एक तेज समुद्र बनना चाहता था। मुझे फास्ट बॉलिंग पसंद थी। दूसरे तेज समुद्र जब बाउंसर फेंकते थे तो मुझे उन्हें देखने अच्छा लगता था। उन्हें देखकर मुझे भी लगता था कि मैं भी बल्लेबाजों को बाउंसर फेंकू, लेकिन मेरे पास एक तेज समुद्र जैसी गति नहीं थी।’ फास्ट बॉलिंग नहीं कर पाने के कारण ही जडेजा ने धीरे-धीरे बल्लेबाजी और स्पिन गेंदबाजी पर ध्यान दिया और आज उनके कई दिग्गज ऑलराउंडर हैं।
‘दो दशकों के बीच से गुजरा क्रिकेट करियर’
जडेजा ने इस दौरान एक अहम बात भी बताई। उन्होंने बताया कि उनकी यह यात्रा दो अलग-अलग लोगों के बीच से गुजरी है। उन्होंने कहा, ‘मुझे माही भाई को भी यह बात बताई गई थी कि मेरा क्रिकेट का सफर जामनगर के मेरे कोच हर सिंह चौहान से लेकर सीएसके में मेरे कप्तान एमएस धोनी के बीच ही रहा है। डायरेक्ट में मेरा अब तक का पूरा क्रिकेट करियर इन दोनों के बीच से ही गुजरा है।’
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