नामीबिया में एस जयशंकर: विदेश मंत्री एस जयशंकर नामीबिया के दौरे पर हैं। वह इस अफ्रीकी देश की यात्रा करने वाले पहले भारतीय विदेश मंत्री हैं। उन्होंने भारत की मजबूत आर्थिक प्रगति, विदेशों में अपनी रूपरेखा और प्रवासन पर भारतीय समुदाय के समर्थन का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत के उत्पीडन को रोका नहीं जा सकता है और वह विश्व में अपना स्थान हासिल कर रहा है।
भारतीय समुदाय को संदेश देते हुए जयशंकर ने सोमवार (5 जून) को कहा कि कई तरह से भारत अब अधिक सक्षम और अधिक विश्वास से भरा हुआ देश है और इस तरह दुनिया भर में इसे अधिक मान्यता प्राप्त है। उन्होंने कहा कि भारत सही दिशा में आगे बढ़ रहा है और इस बात को लेकर अनाक है कि आगे काफी विचार कर रहे हैं। मंत्री ने कहा कि विदेश में मजबूत संबंध और भारतीय समुदाय के हित में योगदान के साथ-साथ देश में होती प्रगति से हम बहुत स्पष्ट हैं कि भारत के उत्कर्ष को रोक नहीं जा सकता।
“आज भारत वह भारत नहीं है जो घर पर रहता है”
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार के लिए यह अहम है कि भारतीय कंपनियां निवेश करने में सक्षम हैं, निर्माण कर सक्षम हैं, विदेशों में काम कर रही हैं और वह नामीबिया के नेतृत्व के साथ इस बात पर चर्चा करेंगे कि दोनों देशों के बीच निवेश निवेश संरक्षण समझौता क्यों न करें। उन्होंने कहा कि मैं इसे (समझौते को) दुनिया के सभी 195 देशों के साथ लेना चाहता हूं क्योंकि आज भारत वह भारत नहीं है जो घर पर रहता है। यह एक ऐसा भारत है जो विदेश जा रहा है।
विदेश मंत्री ने और क्या कहा?
उन्होंने कहा कि आज हम सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश हैं। हम (दुनिया की) पांचवीं सबसे बड़ी उद्योग हैं और उम्मीद है कि बहुत जल्द ही हम (अर्थव्यवस्था के मामले में) तीसरे स्थान पर पहुंच जाएंगे। आज भारत दुनिया में अपनी जगह बना रहा है और इस पर सभी भारतीयों को बहुत गर्व होना चाहिए। मंत्री ने आगे कहा कि जब मैं विदेश मंत्री के तौर पर देशों में जाता हूं, खासकर अफ्रीका और लैटिन अमेरिका और एशिया के अन्य हिस्सों में जाता हूं, तो मैं आपको नहीं बता सकता कि हमारी कितनी ज्यादा साख है।
भारतीय समुदाय की पढ़ाई की
वे विदेश में रहने वाले भारतीय समुदाय की प्रशंसा करते हुए कहते हैं कि जैसे विदेश में भारतीय नामांकन को देश की छवि का लाभ मिलता है, वैसे ही भारत को भी विदेश में प्रवासी भारतीयों की छवि का लाभ मिलता है। जयशंकर ने ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार को ट्रेन हादसे में जनहानि पर भी दुख जताया। इस हादसे में 275 लोगों की मौत हुई है और करीब 1200 लोग घायल हुए हैं।
जयशंकर ने कहा कि दुनिया भर के कई सारे नेता और यहां (नामीबिया) के विदेश मंत्री ने भी एकता व्यक्ति की है और संवेदनाएं झलकती हैं। मुझे कई देशों के विदेश मंत्रियों और दोस्तों से कई संदेश मिले। प्रधानमंत्री को भी ढेर सारे संदेश मिले। आज की दुनिया कितनी वैश्वीकृत है और भारत के साथ दुनिया कैसे जुड़ी हुई है, इसका एक उदाहरण है। मंत्री ने कहा कि भारत में एक त्रासदी हुई और दुनिया ने भारत के साथ होने का फैसला किया।
पीएम मोदी की यात्रा का जिक्र किया
जयशंकर ने प्रधानमंत्री मोदी की 2018 की अफ्रीका यात्रा का उल्लेख किया। उन्होंने उस समय दिए गए प्रधानमंत्री के कथन का हवाला देते हुए कहा कि हम (भारत) यहां (अफ्रीका में) हैं, लेकिन जो यहां आ चुके हैं, वे हम अलग हैं। अंतर यह है कि हम यहां आपको सुनने के लिए हैं। आपसे यह सहयोग करने के लिए कि आपकी ज़रूरतें क्या हैं और हम जो कुछ भी करेंगे, वह आपकी सहभागिता की प्रतिक्रिया में होंगे।
नामीबिया चीतों कोलाना अच्छी शुरुआत
उन्होंने कहा कि जब मैं आज भारत-अफ्रीका रिलेक्सिंग पर नजर रखता हूं, तो मैं जो बड़ा रवैया देखता हूं वह यह है कि हम (भारत) एक जिम्मेदार जिम्मेदार के रूप में देखे जाते हैं। उन्होंने दोनों देशों के बीच सहयोग की विभिन्न परियोजनाओं पर भी प्रकाश डाला। जयशंकर ने कहा कि नामीबिया चीतों को स्थानांतरित करने की बहुत ही रोचक पहल में भारत का पहला स्वामित्व है।
मंत्री ने कहा कि हमें लगता है कि यह अब एक बड़ी पहल बन गई है। ‘बिग कैट एलायंस’ नाम की कोई चीज है जिसमें ऐसे सभी देश जिनके पास टाइगर, शेर और विभिन्न प्रकार के चीते हैं, वे एक साथ मिलकर यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि कैसे एक साथ काम करके हम वास्तव में दुनिया भर में ‘ बिग कैंट की संख्या बढ़ सकती है।
ये भी पढ़ें-