पाकिस्तान अर्थव्यवस्था संकट: पिछले कुछ समय से पाकिस्तान भारी आर्थिक संकट से जूझ रहा है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का मानना है कि पाकिस्तान 1971 से भी बुरे वक्त से गुजर रहा है। पाकिस्तान में आर्थिक संकट के बीच अपने चरम पर पहुंच गया है और हर दिन नए रिकॉर्ड बना रहा है। लोगों के लिए जरूरी की मुश्किल जैसे दूध की कीमत 250 रुपये प्रति लीटर और चिकन 780 किलो रुपये बिक रही हैं।
पेट्रोल की कीमत यहां 272 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई है। वहीं देसी घी 1800 से लेकर 2500 रुपये किलो के भाव पर हैं। ऐसे ही लगभग हर जरूरी चीज की भारी कीमत पर बिक रही हैं। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ये तक कह दिया है कि देश भंग होने के कगार पर है। हालांकि आपके मन में भी ये सवाल उठा होगा कि पाकिस्तान की क्या हालत खराब हो सकती है और अगर अच्छी नहीं है तो ये कैसे संभव होगा?
यहां पांच ऐसी चीजों के बारे में जानकारी दी जा रही है, जिसके ठीक होने से ही पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति ठीक हो जाएगी और दूध, चिकन से लेकर पेट्रोल तक के दाम घट जाएंगे।
विदेशी ऋणों में भारी घोटाला हुआ है
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 की पहली दो तिमाहियों में पाकिस्तान का विदेशी कर्ज 70 प्रतिशत का कारण बना है, जिससे डॉलर की कमी हुई है। इसका मतलब यह है कि चुकाए जाने की तुलना में बहुत अधिक कर्ज लिए गए हैं। अगर पाकिस्तान इस राशि को कुछ हद तक खा जाता है तो बड़ी राहत मिलेगी।
तेजी से घटा हुआ विदेशी मुद्रा विक्रेता
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान की ओर से जानकारी दी गई कि 10 फरवरी तक पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा विक्रेता 3.193 अरब डॉलर था। बैंक ने एक बयान में कहा कि पाक का कुल तरल विदेशी मुद्रा भंडार 8.702 अरब डॉलर है। ऐसे में विदेशी मुद्रा विक्रेता बढ़ रहे हैं तो कर्ज का बोझ कम होगा और पाकिस्तान को देश चलाने के लिए फंड मिल जाएगा।
घाटा घाटा 43 प्रतिशत बढ़ा
पाकिस्तान रेवेन्यू पर एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 की जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए पाकिस्तान का कब्जा घाटा 43 गुना बढ़ गया। इसने आगे विस्तार से बताया कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान देश का बजट घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 1 प्रतिशत था। इसमें कमी करके पाकिस्तान से राहत पा सकते हैं।
गोपनीय दर में रिकॉर्ड
पाकिस्तान की राइटिंग दर हर हफ्ते नए स्तर पर पहुंच रही है। पिछले हफ्ते के दौरान पाकिस्तान की जीत दर 38.42 प्रतिशत थी। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक यहां पेट्रोल, प्याज, चिकन और कुकिंग ऑयल बहुत ज्यादा है।
आईएमएफ के फंड में देरी
देरी से पाकिस्तान हुआ और भ्रम के बीच बैठक के कारण पाकिस्तान को फंड नहीं मिला। दूसरी ओर बैठक के बाद भी अनियमितता ने फंड जारी नहीं किया। आईएमएफ से फंड लेने के लिए पाकिस्तान ने सभी टांकों को माना, जिसके बाद नए तरह के टैक्स एसेट दिए गए और फ्यूल के डैम दिए गए। इस बीच, अगर पाकिस्तान को किसी फ़िक्स की ओर से फ़ंड मिल जाता है तो कई बार कम होने के साथ ही चीज़ें सस्ती हो जाती हैं और पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है।
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