मोरबी ब्रिज पतन: गुजरात के मोरबी पुल (मोरबी ब्रिज) हादसे में दोषी सात की जमानत याचिका अदालत ने शनिवार (4 फरवरी) को खारिज कर दिया। प्रधान सत्र न्यायाधीश पी सी जोशी (पीसी जोशी) ने ओरेवा समूह के दो प्रबंधकों सहित सात लोगों को बेल देने से इनकार कर दिया।
ओरेवा ग्रुप के भ्रष्ट निदेशक जयसुख पटेल (जयसुख पटेल) ने 1 फरवरी से पहले कोर्ट के जरिए अलग से सरेंडर कर दिया था। मोरबी पुलिस ने पिछले हफ्ते मामले में चार्ज साइज फाइल किया था। इस पूरे मामले में अब तक पटेल सहित दस लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
गिरफ्तार किए गए लोग कौन है?
पुलिस ने जिन 10 लोगों को गिफ़्ट किया है, उनमें से ओरेवा ग्रुप के वर्किंग डायरेक्टर जयसुख पटेल, दो टिकट बुकिंग क्लर्क, दो टिकट बुकिंग क्लर्क, तीन काम करने वाले गार्ड और दो शेयरिंग शामिल हैं। गुजरात हाई कोर्ट और सेशन कोर्ट ने पहले ही नौ दोषी याचिका खारिज कर दी थी। गुरुवार (2 फरवरी) को दो सुपरस्टार्स को छोड़कर सभी ब्रांड सातों ने फिर से याचिका दायर की थी। बता दें कि ब्रिटिश काल में माछु नदी पर बना पुल 30 अक्टूबर, 2022 को मिला था। इसमें 135 लोगों को छोड़ दिया गया था।
एस ने यह क्या कहा था?
गुजरात सरकार की ओर से बनाई गई एसआईटी (एसआईटी) ने पुल हादसे की जांच कर बताया था कि कंपनी ने कई खामियां कीं। एसआईटी ने कहा कि पुल में क्षमता से अधिक लोग मौजूद होने के बाद भी टिकट खरीदे गए। यहां भी विवरण की राय के बिना जांच की गई।
एसआईटी ने साथ ही जांच में पाया कि किस तरह ओरेवा ग्रुप ने कामकाज किया वो इसका काबिल नहीं थे। Group ने इसके लिए किसी जानकार एजेंसी को नहीं रखा। बता दें कि जयसुख पटेल समेत सभी कनेक्शन पर आईपीसी की धारा 304, 308, 336, 337 और 338 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।
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