https://bulletprofitsmartlink.com/smart-link/133310/4

मोदी सरकार ने कितने करोड़ का किया लोन? वित्त मंत्री निर्धारक ने बताया

Share to Support us


लोकसभा में निर्मला सीतारमण: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मल निर्णय ने सोमवार (19 दिसंबर) को सोमवार (लोकसभा) में एक लिखित जवाब में कहा कि पिछले 5 वर्षों में सरकार और अन्य स्रोतों ने 10 लाख 9 हजार 511 करोड़ रुपये का लोन राइट ऑफ (राइट ऑफ) किया है। है। वित्त मंत्री ने कहा कि राइट ऑफ (बट्टे खाते) का मतलब लोन मजाक नहीं होता है। रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों के मुताबिक सभी बैंक लोन राइट ऑफ करते हैं।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण (निर्मला सीतारमण) ने एक लिखित जवाब में कहा कि लोन राइट ऑफ (राइट ऑफ) करने से लेनदार को कोई भी फैसला नहीं होता है।

सदन में वित्त मंत्री ने क्या कहा?

पिछले पांच साल के आंकड़ों को लेकर 15 साल के वित्त मंत्री निर्मल संगठन ने बताया है कि 5 साल से जुड़े हुए लोन को निर्देशित दिशा-निर्देशों के अनुसार बट्टे के फायदों में स्थान दे दिया है। वित्त मंत्री ने कल एक लिखित जवाब में कहा कि लोन राइट ऑफ करने के बाद भी कर्जदारों से रकम वापस लेने की प्रक्रिया चलती रहती है। जवाब में कहा गया है कि ऐसे लेनदार रियल लोन राइट ऑफ किए गए हैं, जो पिछले पांच साल में एक लाख करोड़ से ज्यादा हड़बड़ी में फंस गए हैं।

समाचार रीलों

लगातार जारी रहने वाली प्रक्रिया

फर्जी ने कहा कि बट्टे खाते में गए ऋण सहित एनपीए खाते में एक सतत जारी रहने की प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के जानकारों ने पिछले पांच वित्तीय वर्षों के दौरान बट्टे मुनाफे के लिए ऋणों से 1,03,045 करोड़ रुपये सहित 4,80,111 करोड़ रुपये का कर्जा की है।

भुगतान के लिए उत्तरदायी कौन?

वित्त मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान कहा, “आरबीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार वाणिज्यिक विशेषज्ञों ने पिछले पांच वित्तीय वर्षों के दौरान 10 लाख 9 हजार 511 करोड़ रुपये की राशि बट्टे खाते में डाली है।” उन्होंने कहा कि बट्टे लाभ (बट्टे खाते में डालना) में लोन के कर्जदार भुगतान के लिए जिम्मेदार बने रहेंगे। बैंकों में अलग-अलग रिकवरी सिस्टम के माध्यम से रकम हड़पने की कार्रवाई जारी रखी गई है।

लोन हड़पने के लिए कैसे होती है कार्रवाई?

वित्त मंत्री निर्धारक ने बताया कि इस कार्य में सिविल कोर्ट या लोन ट्रिब्यूनल में मुकदमा दायर करना, इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (दिवालियापन और दिवालियापन संहिता, 2016) के तहत मुकदमा करने के उपाय जैसे सहायता ले सकते हैं। इसके अलावा एनपीए की बिक्री द्वारा भी लोन की वसूली की जा सकती है। ऐसे में राइट-ऑफ से बयानों का आनंद नहीं होता है।

ये भी पढ़ें:

क्या आपके पास भी आया है SBI YONO अकाउंट अकाउंट ब्लॉक होने का ये मैसेज? इसकी सच्चाई



Source link


Share to Support us

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Download Our Android Application for More Updates

X