संसद का शीतकालीन सत्र 2022: बिहार की राजनीति के लिए बड़ी खबर आ रही है। की महागठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रही जेडीयू (JDU) ने महिला घोषणा बिल (महिला आरक्षण विधेयक) को लेकर अपना राज्य पुराना विरोध वापस लेने के संकेत दिए हैं. सीएम निवर्तमान कुमार की जेडीयू (JDU) की सहयोगी पार्टी आरजेडी (RJD) अभी भी इस बिल के वर्तमान स्वरूप का विरोध कर रही है।
मंगलवार (6 दिसंबर) को संसद के सत्र से पहले लोकसभा मंत्रणा समिति की बैठक में सभी विपक्षी दलों ने सरकार से वर्षों से लटके हुए तथ्य विधेयक को पेश करने की मांग की। इस बैठक में मौजूद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी इस मांग का समर्थन किया। इस मांग का समर्थन करते हुए ललन सिंह ने यहां तक कह दिया कि पार्टी ने अपना पुराना स्टैंड बदल लिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी अब वुमन एक्सट्रीम बिल को किसी भी रूप में स्वीकार करने के लिए तैयार है।
प्रहलाद जोशी को गारंटी दें
मौजूदा ज़िला कार्य मंत्री ललन सिंह सरकार की ओर से बैठक में मौजूद ज़िला मंत्री प्रहलाद जोशी को गारंटी देते हुए कहा कि न सिर्फ़ उनकी पार्टी बल्कि इस बिल का सरहद पर विरोध कर रही है समाजवादी पार्टी भी इस बिल का समर्थन करती है। बैठक में मौजूद सूत्रों के अनुसार प्रहलाद जोशी ने ललन सिंह से पूछा कि जेडीयू के सहयोगी आर जुनी का रुख क्या है? इस पर ललन सिंह ने कहा कि जब बिल आएंगे तो सभी पार्टियां सपोर्ट करेंगी।
बदला क्यों है जेडीयू का रूख?
महिला चमत्कार (महिला आरक्षण विधेयक) को लेकर जेडीयू (JDU) का बदला हुआ रुख इसलिए भी अहम है क्योंकि अब तक मुख्य रूप से जेडीयू, समाजवादी पार्टी (समाजवादी पार्टी) और आरजेडी (RJD) ही इस बिल का विरोध करती है। जिस वजह से बिल पर सहमति नहीं बनी है।
समाचार रीलों
मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपी के राज के दौरान जब यह बिल संसद में लाया गया था तब शरद यादव (शरद यादव) जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। शरद यादव ने अन्य दो यादव नेताओं, सिंह यादव और लालू यादव के साथ मिलकर बिल का संसद में विरोध किया था, जिससे यह बिल पास नहीं हो पाया था। तब से ही ये नेता महिला विवरण के भीतर दृष्टांत और मासिक महिलाओं के लिए अलग से विवरण की मांग कर रहे थे। अब अगर जेडीयू अपना पुराना स्टैंड देता है तो आर जुनी का रुख क्या होगा, ये देखने वाली बात है।