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महिला आरक्षण बिल: कांग्रेस पर अमित शाह का वार, विपक्ष ने कहा- मौजूदा प्रावधान के तहत 2029 से…

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Women Reservation Bill: महिला आरक्षण विधेयक को (नारी शक्ति वंदन विधेयक) केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा में विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार (19 सितंबर) को पेश किया. इसपर सदन में बुधवार (19 सितंबर) को चर्चा होगी. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में भाषण के दौरान उम्मीद जताई कि ये सर्वसम्मत से पास होगा. नारी शक्ति वंदन बिल को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित अन्य विपक्षी पार्टियों ने निशाना साधते हुए कहा कि इसका क्रियान्यवन परिसीमन के बिना संभव नहीं क्योंकि बिल के प्रावधान में इसका जिक्र है.

10 बड़ी बातें…

1. विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक ((नारी शक्ति वंदन विधेयक), पेश किया. मेघवाल ने बिल पेश करते हुए कहा कि यह महिला सशक्तिकरण से संबंधित विधेयक है. इसके कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके पारित होने के बाद विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी. 

2. पीएम मोदी ने कहा, ”लोकसभा में एक बिल (महिला आरक्षण विधेयक) प्रस्तुत किया गया है. ये विधेयक नारी सशक्तिकरण से जुड़ा है. हमने बेटियों के लिए सैनिकों स्कूलों के दरवाजे खोले. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का अभियान सरकार का कार्य़क्रम नहीं है. इसे समाज ने अपनाया है. मुद्रा योजना से लेकर जन धन योजना तक में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.  सभी सांसदों की मदद से तीन तलाक के खिलाफ कदम उठाया. मैं आज राज्यसभा के सभी माननीय सांसद साथियों से आग्रह करने आया हूं कि जब भी बिल हमारे सामने आए तो आप सब सर्वसम्मति से उस पर निर्णय करें.” 

3. एबीपी न्यूज को सूत्रों ने बताया कि महिला आरक्षण बिल बुधवार (20 सितंबर) को विस्तृत चर्चा के बाद लोकसभा से पास कराया जाएगा. इसे पारित कराने के लिए गुरुवार (21 सितंबर) को संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा से पास कराया जाएगा. 

4. लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर बुधवार (20 सितंबर) को होने वाली चर्चा को लेकर विपक्ष गठबंधन ‘इंडिया’ ने कमर कस ली है. गठबंधन ‘इंडिया’ के सांसद आगे की रणनीति के लिए कल सुबह दस बजे मीटिंग करेंगे. इसके बाद कांग्रेस के लोकसभा सांसद की बैठक सुबह 10.30 बजे होगी. 

5. महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी बोलेंगी. एबीपी न्यूज को सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पार्टी की तरफ से पहली वक्ता हो सकती हैं. 

6. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हमने महिला आरक्षण विधेयक का हमेशा से समर्थन किया है. साल  2010 में राज्यसभा में कांग्रेस-यूपीए सरकार ने महिला आरक्षण बिल पास करवाया था.  मोदी सरकार के लाए गए विधेयक को गौर से देखने की जरूरत है. विधेयक के मौजूदा प्रारूप में लिखा है कि ये जनगणना और परिसीमन के बाद ही लागू किया जाएगा. इसका मतलब मोदी सरकार ने शायद 2029 तक महिला आरक्षण के दरवाजे बंद कर दिए हैं. बीजेपी को इसपर स्पष्टीकरण देना चाहिए. 

7. कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कई सवाल किए. कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने इसे चुनावी जुमला करार देते हुए कहा कि महिलाओं के साथ धोखा हुआ है, क्योंकि विधेयक में कहा गया है कि ताजा जनगणना और परिसीमन के बाद यह 2029 से लागू होगा. उन्होंने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ चुनावी जुमलों के इस मौसम में यह सभी जुमलों में सबसे बड़ा है! करोड़ों भारतीय महिलाओं और युवतियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा धोखा है. जैसा कि हमने पहले बताया था मोदी सरकार ने अभी तक 2021 की दशकीय जनगणना नहीं कराई है, जिससे भारत जी20 में एकमात्र देश बन गया है जो जनगणना कराने में विफल रहा है. ’’

8. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) की वरिष्ठ नेता आतिशी ने आरोप लगाया कि महिला आरक्षण विधेयक साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले महिलाओं को बेवकूफ बनाने वाला विधेयक है. विधेयक के अनुसार परिसीमन प्रक्रिया शुरू होने के बाद आरक्षण लागू होगा और 15 वर्षों तक जारी रहेगा. विधेयक के अनुसार, प्रत्येक परिसीमन प्रक्रिया के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों की अदला-बदली होगी. उन्होंने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि परिसीमन और जनगणना के प्रावधानों को हटाया जाए. 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए महिला आरक्षण लागू किया जाए. ’’

9. महिला आरक्षण विधेयक को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि महिला आरक्षण लैंगिक न्याय और सामाजिक न्याय का संतुलन होना चाहिए. उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ”महिला आरक्षण लैंगिक न्याय और सामाजिक न्याय का संतुलन होना चाहिए. इसमें पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी (पीडीए) की महिलाओं का आरक्षण निश्चित प्रतिशत रूप में स्पष्ट होना चाहिए. ”

10. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों पर पलटवार किया. उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में यह भी आरोप लगाया कि पेश किया गया विधेयक महिलाओं को सशक्त करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है, वहीं इसे लेकर कांग्रेस कभी गंभीर नहीं रही और उसके कदम ‘प्रतीकात्मक’ रहे हैं. 

इनपुट भाषा से भी. 

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