जीवन की अप्रत्याशित घटनाओं का दूसरा नाम है। सरल शब्दों में कहे तो हर किसी का जीवन किसी तरह-तरह की संयोजक रहता है। कभी किसी की अचानक नौकरी चली जाती है, तो कोई हताहत का शिकार हो जाता है… कभी परिवार में कोई गंभीर बीमारी का शिकार हो जाता है, तो कुछ लोगों को उनकी गलत आदतें भारी पड़ जाती हैं… इस तरह कई कारणों से लोग फाइनेंशियल क्राइसिस (Financial Crisis) में फंस जाते हैं, यानी उनके पास पैसे की कमी हो जाती है।
इस तरह से फंसाते हैं लोग
ऐसी स्थिति में लोग कर्ज या कर्ज लेकर काम चलाते हैं। सबसे पहले लोग अपने करीबी दोस्तों या सेहत से मदद लेने की कोशिश करते हैं। जिनके पास यह खिंचाव नहीं होता है, वे लोन लेने का प्रयास करते हैं। ऐसी नियत में लोन मिल भी जाता है, लेकिन कई लोग यहां और बुरे फंस जाते हैं। दरअसल आज के डिजिटल दौर में इस बात का फायदा उठाने के लिए कई ऐसे ऐप (इंस्टेंट लोन ऐप्स) बाजार में आ गए हैं, जो नौकरी में लोन देने का झांसा देते हैं। सोशल मीडिया पर अक्सर ऐसे देखने को मिलते हैं, जहां मस्क में और बिना ज्यादा डॉक्यूमेंटेशन के लोन देने का प्रलोभन दिया जाता है। इन अधिकारियों के झांसे में फंसा हुआ है। आज हम ऐसे ऐप से लोन लेने के नुकसान बताते हैं और यह भी कि उन्हें बचा लें।
चुकाने योग्य है ऐसी कीमत
हालत में अकेले जाने के लोभ में गंभीर रूप से ऐसे चक्कर आने लगते हैं, जिससे जुड़े लोगों को खमियाजा होता है। ऐसे हजारों मामले सामने आए हैं, जिनमें से कई लोगों ने ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर सुसाइड तक कर लिया। सबसे पहले ये जान संस्था कि इस तरह के कर्ज पर भारी-भरकम कर्ज लेते हैं, जिसकी तुलना में कई गुना ज्यादा होता है। अगर एक भी किश्त पर नहीं भर पाते हैं तो ये एक कई गुना जुर्माना लगाते हैं। इस तरह इंसेंटेंट लोन लेने से क्रेडिट स्कोर खराब होने से प्रभावित होता है।
ऐसा बदमाशी करते हैं
आंकड़े बताते हैं कि इंसेंटेंट लोन देने वाले ज्यादातर जुड़े हुए पंजीकृत नहीं होते हैं और उनका काम सिर्फ ठगना होता है। ऐसे कर्ज देने से पहले यूजर के फोन से गोपनीय जानकारियां चुरा लेते हैं। ये कर्ज लेने वाले के फोन में सेव नंबर के साथ ही तस्वीरों का भी ऐक्सेस लेते रहते हैं। यदि ऋण लेने से किस्त चुकाने में देरी हुई है, तो उनकी ब्लैकमेलिंग शुरू हो जाती है। मामलों में ज्यादातर इंटरनेट लोन देने से पहले ही भारी भरकम टैक्स और चार्जेज काट लेते हैं। कई बार बदमाश लोग कर्जदारों को फोन करके गली-गलौज करते हैं। यह कर्ज लेने वालों के लिए आर्थिक समस्या के बाद भारी मानसिक तनाव का कारण बनता है।
स्वतंत्र ने किए हैं ये उपाय
रिज़र्व बैंक (RBI) को इस बारे में लगातार बिचौलिए मिले हैं, जिनके बाद ऐसे डिजिटल लोन जुड़े (डिजिटल लेंडिंग ऐप्स) पर कुछ नंबर आए। रिज़र्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि केवल अश्लील और छायादार संदेशों को ही लोन देने या उनके किस्त लेने का अधिकार है। इसमें तीसरी पार्टी की कोई दखल नहीं होगी। लोन या कर्ज की किश्तों को लेकर सारे लेन-देन कर्जदारों के बैंक खाते और रेगुलेट कर्ज के बीच होना चाहिए। एक ही दिए जाने वाले सब्सक्राइबर का भुगतान ऋण देने वाले और कर्जदारों के ऊपर बोझ नहीं डाला जाएगा। केवल एक ही डेटा कलेक्ट होने से किसी एक प्रत्यक्ष में आवश्यकता होती है और यह भी अस्पष्ट भ्रम होता है। बिना ग्राहक की मंजूरी के क्रेडिट सीमा को सींक नहीं जा सकता है।
इन बातों की बांध लें किंक
हालांकि इसके बाद भी तत्काल लोन ऐप का गोरखधंधा चल रहा है। तो बचाव का सबसे पहला उपाय है कि अपने पैरों को चादर में समेट लें, यानी जितना ही खर्च करें, उतनी ही कमाई है। साथ ही बचत की आदत डालें और आपातकालीन देनदारी के लिए इमरजेंसी फंड बनाएं। कभी भी लोभ में नहीं पड़ते। याद रखें कि ईजी पैसों की कीमत बहुत कठिन होती है। कोई भी अज़ीब लगे तो उससे दूरी बना लें। ऐसा कोई ऐप दिखता तो उसकी शिकायत कर सकता है। आप इस तरह ऐप और ऑफर की शिकायत रिजर्व बैंक को कर सकते हैं। पुलिस में उनकी शिकायत भी की जा सकती है।
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