https://bulletprofitsmartlink.com/smart-link/133310/4

मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा- ‘इस बात की गंभीर आशंका है कि…’

Share to Support us


मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज: दिल्ली सरकार ने कथित शराब घोटाले के मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने सीबीआई मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। इसलिए ही नहीं कोर्ट ने उन्हें इस घोटाले के आर्किटेक्ट बताया है।

अदालत ने कहा है कि आबकारी नीति के साथ शामिल हैं और उसे अमल में लाए जाने में उसकी अहम भूमिका है। उसी के साथ कोर्ट ने जांच एजेंसी (सीबीआई) जांच के उस हिस्से को अहमियत दी है जो ये दावा किया गया है कि 90 से 100 करोड़ रुपये का किक बैंक सिसोदिया व उनके साथियों तक बन गया। इसकी एवज में आबकारी नीति में बदलाव करते हुए साउथ ग्रुप को फायदा मिला।

कोर्ट के आदेश की महत्वपूर्ण बातें

मनीष सिसोदिया की जमानत पर फैसला सुनाते हुए स्पेशल जज एमके नागपाल ने कहा कि बेल डिसमिस है। साथ ही उन्होंने कहा कि थोड़ी देर में रिटन आर्डर मिल जाएगा। अदालत के आदेश में जो महत्वपूर्ण बातें कहीं जानी हैं, वो इस प्रकार है।

कोर्ट ने कहा कि अभी अगर मनीष सिसोदिया को ज़मानत दी जाती है, तो वो जांच को प्रभावित कर सकते हैं और सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। जिस तरह मोबाइल फोन को नष्ट करने या उसे एजेसियों के सुपुर्द न करने, कैबिनेट नोट से जुड़ी फाइल पेश न करने आदि का उनका व्यवहार रहा है, उससे इस बात की गंभीर आशंका है कि ज़मानत मिलने पर वो सबूतों को नष्ट कर सकते हैं, या फिर अहम् गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।

कोर्ट ने कहा कि मनीष सिसोदिया पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

सिसोदिया को इस मामले में 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।

सिसोदिया की भूमिका के बारे में जांच अभी पूरी नहीं हुई है, ऐसे में अभी इस स्टेज पर सिसोदिया को जमानत पर नहीं छोड़ा जा सकता है।

कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सह-नेटवर्क के खिलाफ भी अभी जांच जारी है।

इस मामले में महज़ 7 एक-दूसरे के खिलाफ़ एक-दूसरे के हिसाब से चार्ज को आकार में बनाया गया है। आर्थिक अपराध की जड़े गहरी होती है।

अभी तक जिन सहआरोपियों को ज़मानत मिली है, उनकी भूमिका की तुलना सिसोदिया की भूमिका से नहीं की जा सकती है। जिन दो अधिकारियों को ज़मानत मिली है, वो तो सिसोदिया के मातहत काम कर रहे थे.

कोर्ट ने कहा कि सीबीआई के अभी तक जांच में जांच किए गए सबूत अपराधिक साजिश में सिसोदिया की सक्रिय भागीदारी दिखा रहे हैं। इसलिए ही नहीं पीसी अधिनियम के तहत कुछ सॉलिड प्लैटफॉर्म को भी सुनिश्चित किया जाता है।

कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया की पत्नी की बीमारी के बारे में बचाव पक्ष ने याचिका दी थी कि वो पिछले 20 साल से बीमार हैं, जबकि मेडिकल हिस्ट्री के डॉक्युमेंट 2022-23 के ही हैं। इसके अलावा मेडिकल डॉक्यूमेंट में ऐसा नहीं कहा गया है कि उनकी हालत बेहद गंभीर है।

ये भी पढ़ें: मनीष सिसोदिया : आज बेल लेंगे या अड़े रहेंगे मुश्किलें, शाम 4 बजे जमानत याचिका पर सुनवाई होगी



Source link


Share to Support us

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Download Our Android Application for More Updates

X