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मकर संक्रांति के दिन जरूर पढ़ें ये कथा, शनि दोष होता है दूर

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Makar Sankranti Katha: मकर संक्रांति पर्व 15 जनवरी को धूमधाम से मनाया जाएगा. मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होता है यानी इस दिन सूर्य उत्तर दिशा की ओर बढ़ता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है. मकर संक्रांति के दिन से ही मौसम में बदलाव की शुरुआत होती है.

इस दिन स्नान, दान पूजा-पाठ और तिल खाने का खास महत्व है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्राति के दिन ही सूर्य देव अपने पुत्र शनि से मिलने उनके घर जाते हैं. यह पर्व पिता-पुत्र के अनोखे मिलन से भी जुड़ा है. इस दिन  सूर्य देव और शनि की कथा पढ़ना बहुत शुभ माना जाता है. माना जाता है कि यह कथा पढ़ने सा सुनने मात्र से ही शनि दोष से राहत मिल जाती है. आइए जानते हैं इस कथा के बारे में.

मकर संक्रांति की कथा

पुराणों के अनुसार, सूर्य देव और उनके पुत्र शनि देव के संबंध अच्छे नहीं थे. इसके पीछे की वजह थी सूर्य देव का शनि की माता छाया के प्रति उनका खराब व्यवहार. दरअसल, जब शनि देव का जन्म हुआ तो उनका काला रंग देखकर सूर्य देव क्रोधित हो गए था और उनके जन्म के दौरान कहा था कि ऐसा पुत्र मेरा नहीं हो सकता. शनि के जन्म के बाद से ही सूर्य देव ने शनि देव और उनकी माता छाया को अलग कर दिया था. यह दोनों जिस घर में रहते थे उसका नाम कुंभ था.

जब छाया ने दिया सूर्य देव को श्राप

सूर्य देव के इस व्यवहार से उनकी पत्नी छाया बेहद क्रोधित हुईं और उन्होंने सूर्य को कुष्ठ रोग का श्राप दे दिया. इस श्राप से क्रोधित होकर सूर्यदेव ने छाया और शनि देव का घर जलाकर राख कर दिया.

इसके बाद सूर्य देव की पहली पत्नी संज्ञा से हुए पुत्र यम ने सूर्य देव को छाया के श्राप से मुक्त कराया. इसके साथ ही यम ने सूर्य के सामने मांग रखी थी की वह माता छाया और शनि के प्रति अपने व्यवहार में बदलाव लाएं. सूर्य को भी अपनी गलती का एहसास हुआ और वह पत्नी छाया और पुत्र शनि से मिलने उनके घर पहुंचे. जब सूर्य शनि के घर पहुंचे तो देखा की वहां सब कुछ जलकर बर्बाद हो गया था. 

शनि ने किया पिता का स्वागत

सूर्य देव को देखकर शनि देव बेहद प्रसन्न हुए और काले तिल से अपने पिता का स्वागत किया था. शनि देव के इस व्यवहार से सूर्य देव बहुत प्रसन्न हुए. उन्होंने शनि देव को एक नया घर दिया जिसका नाम मकर था. सूर्य के आशीर्वाद से ही शनिदेव दो राशियों कुंभ और मकर के स्वामी हो गए.

सूर्य ने शनि को आशीर्वाद दिया कि वो जब भी उनसे मिलने उनके घर आएंगे तो उनका घर धन धान्य से भर जाएगा. सूर्य ने कहा कि मकर संक्रांति के मौके पर जो लोग भी मुझे काले तिल अर्पित करेंगे उनके जीवन में सुख-समृद्धि आएगी. इसलिए मकर संक्रांति के मौके पर सूर्य देव की पूजा में काले तिल का इस्तेमाल करने से व्यक्ति के घर में धन धान्य की कोई कमी नहीं रहती है.

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Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. 



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