फॉक्सकॉन इंडिया प्लांट अपडेट: पिछले कुछ वर्षों के दौरान वैश्विक परिदृश्य में तेजी से बदलाव आया है। खासकर कोरोना महामारी के चलते कई तरह के बदलाव आए हैं। इन घटनाओं के मद्देनजर कई कंपनियां चीन पर अपनी आपबीती कम कर रही हैं और इससे भारत को काफी खुशी हो रही है। इस कड़ी में अब कई उत्पाद बनाने वाली ताइवानी कंपनी फॉक्सकॉन भारत में नया प्लांट लगा रही है।
300 करोड़ में हुई जमीन की डील
फॉक्सकॉन ने भारत में अपना नया प्लांट लगाने के लिए दक्षिणी राज्य कर्नाटक में जमीन खरीदी है। फॉक्सकॉन की फ्लैगशिप यूनिट होन हाई प्रिसिजन इंडस्ट्री कंपनी (होन हाई प्रिसिजन इंडस्ट्री कंपनी) ने यह डील की है, जिसका इंफॉर्मेशन लंदन स्टॉक बदलाव किया गया है। कंपनी ने परिवर्तन को बताया है कि उसने कर्नाटक में 300 करोड़ जमीन ली है।
यह फॉक्सकॉन का प्लांट लगेगा
होन हाई प्रिक्सिजन इंडस्ट्री कंपनी अचंभित करने के लिए बनती है। कंपनी ने बताया कि उसने अपनी भारतीय सब्सिडी फॉक्सकॉन होन हाई टेक्नोलॉजी इंडिया मेगा के जरिए जमीन की खरीदारी को 9 मई को पूरी की। कंपनी ने यह डील 37 मिलियन डॉलर यानी करीब 300 करोड़ रुपये में की है। यह बेंगलुरू के बाहरी इलाके में केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के देवनहल्ली के पास स्थित है।
इन कारणों से दरार आ रही है
फॉक्सकॉन ताइवान की सबसे बड़ी संस्था में से एक है। पिछले महीनों में न केवल अमेरिका और चीन के बीच संबंधों में दरार आई है, बल्कि ताइवान और चीन के संबंध भी काफी खराब हुए हैं। चीन दावा करता है कि ताइवान उसका हिस्सा है, जबकि ताइवान खुद को अलग देश बनाता है। इन नियमों को देखते हुए ताइवान की कई कंपनियां चीन से अपना प्रोडक्शन स्विच करने की कोशिश कर रही हैं, जिनमें फॉक्सकॉन सबसे प्रमुख है।
फॉक्सकॉन के अनूठे हिस्सों के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता हैं। फॉक्सकॉन की हाई प्रिसिजन इंडस्ट्री कंपनी चीन में कई पैमाने पर बनी हुई है। हालांकि कोरोना के दौरान कंपनी के संचालन पर असर पड़ा। प्रोडक्शन शिफ्ट करने के कारणों में यह भी अहम है। इससे पहले मार्च में रॉयटर्स ने बताया था कि फॉक्सकॉन (फॉक्सकॉन) कर्नाटक में 967.91 मिलियन डॉलर के निवेश से प्लांट लगाया जा रहा है, जिसे राज्य सरकार की ओर से मंजूरी मिल गई है।
यह कंपनी भी नया प्लांट लगा रही है
वहीं रॉयटर्स ने एक अलग रिपोर्ट में बताया था कि फॉक्सकॉन की तरह ताइवान की एक और कंपनी पेगाट्रॉन तमिलनाडु चेन्नई के पास अपना दूसरा भारतीय प्लांट लगा सकती है। तब बताया गया था कि पेगाट्रोन चेन्नई में संभावित संयंत्र लगाने की रोक पर 150 मिलियन डॉलर के आस-पास निवेश कर सकता है और नए संयंत्र में पहुंचकर पहुंचें। फॉक्सकॉन की तरह पेगाट्रोन भी अचंभित होकर अन्य उत्पादों का निर्माण करता है।
जोर पकड़ रहा भारत में सबका उत्पादन
आपको बता दें कि चीन के बाद भारत के लिए नया मैन्युफैक्चरिंग सेंटर बन रहा है। अचंभित होकर साल 2027 तक अपने 50 प्रतिशत के मैन्युफैक्चरिंग स्कूटर बनाने की योजना तैयार कर ली है। 2017 में थोड़े से भारत में जॉबिंग की शुरुआत हुई थी और तब विस्ट्रॉन ने भारत में अपना प्लांट लगाया था। पिछले साल अप्रैल से लेकर इस साल फरवरी तक भारत से करीब 9 बिलियन डॉलर के आंकड़े आने वाले हैं। इनमें से 50 फीच से ज्यादा देखने वाले दिखाई दे रहे हैं। मेड-इन-इंडिया ने देखा (मेड-इन-इंडिया iPhone) के निर्माण में अभी पेगाट्रॉन के करीब 10 तस्वीर है।
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