https://bulletprofitsmartlink.com/smart-link/133310/4

फलों को ताजा और चमकीला बनाने के लिए धुआंधार लग रही जहरीली वैक्स की कोटिंग, इस तरह करें पहचान

Share to Support us


Food Identification: हर कोई अच्छी हेल्थ के लिए फलों का सेवन करता है. इन फलों से कई ऐसे न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं, जो हमें साधारण खान-पान से नहीं मिल पाते, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि कभी-कभी ये फल ही आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि फलों को चमकाने और ताजा रखने के लिए एक तरह की वैक्स या मोम का इस्तेमाल किया जाता है. बाजार में जब ये चमकीले फल आते हैं तो अपने आकर्षण की वजह से हाथों हाथ बिक जाते हैं. लोग बिना देखे-परखे इन फलों को खा भी लेते हैं, लेकिन इन पर चढ़ी हानिकारक वैक्स आपके शरीर को अंदर ही अंदर काफी नुकसान पहुंचाती है.

इस आर्टिकल में आपको बताएंगे कि आखिर क्यों फलों पर वैक्स की कोटिंग की जाती है, फलों पर चढाई जा रही वैक्स कितने तरह की होती है, इससे किया नुकसान हैं, कैसे वैक्स वाले फल की पहचान करें और खाने से पहले फलों पर कैसे इस वैक्स को हटाएं.

क्यों की जाती है वैक्स की कोटिंग
सबसे ज्यादा वैक्स सेब पर लगाई जाती है, जब फल पेड़ों पर ही लगा होता है तो इसे तोड़ने से 15 दिन पहले कलर लाने के लिए कैमिकलयुक्त स्प्रे किया जाता है. इससे सेब का रंग लाल और चमकीला हो जाता है. जब ये कैमिकल सूख जाता है और सेब के ऊपर प्लास्टिक या मोम जैसी परत जम जाती है.

आप पानी से धोएंगे तो सेब हाथ से ही फिसल जाएगा, लेकिन वैक्स नहीं हटेगी. इस तरह सेब के ऊपर मोम की कोटिंग करने के पीछे भी एक बड़ा कारण है. दरअसल फल,सब्जियों की तुड़ाई के बाद फलों के जल्दी खराब होने का खतरा बना रहता है. इनकी मार्केटिंग के लिए शहर पहुंचाने में भी काफी समय लगता है.

ऐसे में इन्हें खराब होने से बचाने और सुरक्षित बाजार तक पहुंचाने के लिए नेचुरल वैक्स लगाई जाती है, जो शहद की तरह मधुमक्खी के छत्ते से ही मिलती है. इस वैक्स को छिड़कने से फलों को नेचुरल पोर्स बंद हो जाते हैं और नमी बनी रहती है. आमतौर पर ऐसा हर फल के साथ नहीं किया जाता, बल्कि निर्यात होने वाला या महंगे फल-सब्जियों पर ही वैक्स लगाई जाती है.

क्या सरकार देती है इसकी इजाजत
कई लोगों को दिमाग में यही सवाल रहता है कि कई दशकों से फलों पर वैक्स लगाई जा रही है, तो क्या ये सुरक्षित है? आपको बता दें कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया FSSAI ने एक तय सीमा तक प्राकृतिक मोम यानी नेचुरल वैक्स की कोटिंग करने की परमिशन दी है.

ये नेचुरल वैक्स शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाती. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि फलों पर लगाई जा रही वैक्स भी तीन तरह की होती है, जिसमें ब्राजील की कार्नाबुआ वैक्स (Queen of Wax), बीज़ वैक्स और शैलेक वैक्स शामिल है.

यदि फलों पर इनमें से कोई भी वैक्स लगी होती है तो दुकानदार की जिम्मेदारी है कि फलों पर लेबल लगाकर ग्राहक को बताए कि यह वैक्स क्यों लगाई गई है, लेकिन नेचुरल वैक्स के नाम पर कई बार कैमिकलयुक्त वैक्स की जाती है, जिसके लिए ना फलों पर लेबल होता है और ना ही कोई जानकारी.

कई रिसर्च से साबित हुआ है कि फलों पर हर तरह की वैक्स सेहत के लिए हानिकारक होती है.इससे शरीर में टॉक्सिंस की मात्रा बढ़ जाती है, जो धीरे-धीरे अपच, बदहजमी और पेट दर्द की शिकायत से लेकर आंख, आंत, लिवर, हृदय, आंत में कैंसर, आंतों में छाले या इंफेक्शन पैदा कर देते हैं.

वैक्स के अलावा हो सकती हैं ये चीजें
रिपोर्ट्स के अनुसार, FSSAI की ओर से एक सीमित मात्रा में ही नेचुरल वैक्स के इस्तेमाल की अनुमति मिलती है, जो मधुमक्खी के छत्ते से तैयार की जाती है, जो पानी में डालते ही निकल जाती है और पूरी तरह से सुरक्षित है, लेकिन इस प्राकृतिक मोम के अलावा, कई व्यापारी बाजार में फलों की मांग बढ़ने पर फल-सब्जियों को चमकाने के लिए पेट्रोलियम लुब्रिकेंट्स, रसायन वाले सिंथेटिक वैक्स, वार्निश का इस्तेमाल भी करते हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक या जानलेवा भी साबित हो सकते हैं. इनकी पहचान के लिए फल खरीदते समय ही रंग, रूप और ऊपरी सतह को खुरचकर पहचान कर सकते हैं. किसी धारदार चीज या नाखून से फल को रगड़ने या खुरचने पर सफेद रंग की परत या पाउडर  निकलने लगे तो समझ जाएं कि वैक्स का इस्तेमाल हुआ है.

घबराएं नहीं, इस तरह वैक्स को हटाएं
बाजार में मानकों के आधार पर वैक्स की कोटिंग वाले फलों को बिक्री के लिए परमिशन होती है. इस वैक्स को हटाना भी आसान होता है. आप फलों को जांच-परख कर खरीदें और घर लाकर गर्म पानी से अच्छी तरह से धुलकर-कपड़े से साफ करके खाएं.

बता दें कि गर्म पानी से हर तरह की वैक्स पिघल जाती है, केमिकल भी फलों से निकल जाता है. आप चाहें तो एक बर्तन में पानी लेकर नींबू और बेकिंग सोडा डालें और सब्जियों-फलों को इस पानी में छोड़ सकते हैं. कुछ देर बाद सब्जियों को अच्छी तरह रगड़कर साफ करें और खाएं. कुल मिलाकर फल-सब्जियों को खरीदते समय और खाने से पहले सावधानियां बरतें.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

यह भी पढ़ें:- ऐसे पता चलता है अमरूद मीठा निकलेगा या नहीं? खरीदने से पहले ये ट्रिक समझ लें



Source link


Share to Support us

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Download Our Android Application for More Updates

X