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फंड पर सवालिया निशान? अडानी की कंपनी ने टाली बोर्ड की अहम मीटिंग की

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अदानी ग्रुप (Adani Group) कई महीनों की रकम के बाद पहली बार फंड लेने की तैयारी कर रहा है। हालांकि ऐसा लग रहा है कि इस बार भी फंड जोखिम के रास्ते में कुछ मुश्किलें आ रही हैं। ग्रुप की एक प्रमुख कंपनी ने शनिवार को होने वाले अहम बोर्ड पर फंड जुड़वा दिया है।

तीन समझौते की प्रस्तावित

पहली ऐसी खबरें थीं कि फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड) जिसमें समूह के दो अन्य प्राधिकरण अडानी ग्रीन और अडानी प्लेसमेंट के बोर्ड की बैठक होने वाली है। अडानी के त्रयोज्य बोर्ड के बोर्ड आपस में जुड़े हुए हैं। अब इनमें से एक अडानी ग्रीन का बोर्ड जाल बिछाया गया है, जबकि अडानी इंटरप्राइजेज और अडानी माइग्रेशन की प्रस्तावित मीटिंग को लेकर कोई नया अपडेट नहीं है।

अब इस तारीख को होगी बैठक

अडानी ग्रीन एनर्जी ने शेयर गारमेंट्स को बताया है कि कुछ आकस्मिक कारणों से 13 मई को होने जा रहा बिलबोर्ड को टाल दिया गया है। स्टॉक को बेचकर फंड से संबंधित प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए यह बैठक होने वाली थी। कंपनी ने बताया कि अब उसका बोर्ड 24 मई को झूठा होगा।

इस रिपोर्ट ने खराब प्रयास किया है

अदानी ग्रुप का फंड जमा करने का यह इस साल का दूसरा प्रयास है। इस साल जनवरी में हिंडनबर्ग की तार्किक रिपोर्ट (हिंडनबर्ग रिपोर्ट) आने के बाद फंड का पहला प्रयास विफल हो गया। अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने अदानी समूह को फोकस करते हुए 24 जनवरी को एक रिपोर्ट जारी की थी। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ऐसे समय में आई थी, जब अडानी ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडानी इंटरप्राइज लिमिटेड एफपीओ (अडानी एंटरप्राइजेज एफपीओ) से 20 हजार करोड़ रुपए दिखाई दे रही थी। हालांकि हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने अदानी समूह की योजना को खराब कर दिया था और एफ़पीओ को वापस ले लिया गया था।

फंड गारंटी की ये हैं योजना

ताजी योजना के बारे में अभी समूह की संस्था ने यह नहीं बताया है कि उनकी योजना कितनी रकम लेती है। अडानी इंटरप्राइजेज ने बताया था कि बोर्ड की प्रस्तावित बैठक में इक्विटी जारी कर देंगे या अन्य प्रतिभूतियों के मार्फत फंड के बारे में चर्चा करेंगे। कंपनी ने कहा था कि वह या तो इक्विटी शेयर जारी कर रही है या अन्य पात्रों के निजी भुगतान के माध्यम से फंड के बारे में विचार कर रही है। यह योग्यता पूर्ण इंस्टीट्यूशनल चक्कर या एक तरजीही विषय भी हो सकता है।

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