https://bulletprofitsmartlink.com/smart-link/133310/4

पौराणिक काल की वो 5 दिव्य कन्याएं, जिन्हें मिला आजीवन अविवाहित रहने का वरदान, संतान होने पर रही

Share to Support us


Panchkanya Story in Hindi: हिंदू धर्म में देवियों से कई कथा-कहानियां, मान्यताएं और परंपराएं जुड़ी हैं. कभी मां दुर्गा के रूप में राक्षसों का संहार, कभी सीता बनकर अग्नि परीक्षा , देवी सावित्री जिसकी शक्ति के सामने तो स्वयं यमराज को भी घुटने टेकने पड़ गए, तो कुछ ऐसी भी देवियां हुईं जिसके पतिव्रता की मिसाल आज भी दी जाती है.

लेकिन पौराणिक समय में ऐसी पांच कन्याएं थीं, जो विवाह के बंधन के बंधने के बाद और संतान को जन्म देने के बाद कुंवारी कहलाती हैं. इन्हें पंचकन्या या पौराणिक समय की दिव्य कन्याएं कहा जाता है. जानते हैं इन पंच कन्याओं के रहस्य के बारे में.

  • देवी अहिल्या (Devi Ahilya): वाल्मीकि रामायण के बालकांड में देवी अहिल्या का जिक्र मिलता है. अहिल्या रूपवान होने के साथ ही संस्कारी, सुशील और पतिव्रता नारी थी. अहिल्या का विवाह ऋषि गौतम के साथ हुआ. शास्त्रों के अनुसार, ऋषि गौतम एक बार स्नान के लिए प्रात:काल आश्रम से बाहर गए थे. तभी शचि के पति इंद्र ने अहिल्या के साथ छलपूर्वक कुकर्म किया. जब इस बात का पता ऋषि गौतम को चला तो उन्होंने इंद्र और अहिल्या दोनों को श्राप दे दिया. देवी अहिल्या ने ऋषि गौतम से क्षमा याचना भी की और कहा कि इसमें  उसका कोई दोष नहीं हैं. लेकिन गौतम ऋषि नहीं माने और अहिल्या को श्राप दिया कि, तुम शिला बनकर निवास करोगी. त्रेतायुग में जब श्रीविष्णु राम अवतार लेंगे, तब उनके चरण रज से ही तुम्हारा उद्धार होगा. इसके बाद राम भगवान द्वारा अहिल्या का उद्धार किया गया है और वह आजीवन कुंवारी कहलाई.
  • द्रौपदी (Draupadi): शास्त्रों के अनुसार द्रौपदी का जन्म यज्ञ से हुआ था. द्रौपती सुंदर, धीरजवान और पवित्र महिला थी. कहने को तो द्रौपती पांच पांडवों की पत्नी और पांच पुत्रों की माता थी. लेकिन इसके बावजूद द्रौपदी सदा कुंवारी कहलाई. दरअसल जब द्रौपदी का चीरहरण हो रहा था जब श्रीकृष्ण ने उसकी लाज बचाई थी. कहा जाता है कि, भगवान श्रीकृष्ण ने ही द्रौपदी को सदा कुंवारी बने रहने का वरदान दिया था.
  • मंदोदरी (Mandodari): लंकापति रावण की पत्नी मंदोदरी को चिर कुमारी भी कहा जाता है, जोकि राक्षसराज मयासुर और हेमा की पुत्री थी. मंदोदरी की मां हेमा अप्सरा थी. लेकिन पिता राक्षस कुल के थे. इस कारण मंदोदरी अत्यंत सुंदर और आधी दानव थी. रावण से विवाह का वरदान मंदोदरी को भगवान शिव से मिला था. रावण से विवाह के बाद मंदोदरी ने अक्षय कुमार, मेघनाद और अतिकाय जैसे पुत्रों को जन्म दिया. मंदोदरी को चिर कौमार्य का वरदान प्राप्त था. इसलिए पुत्रों को जन्म देने के बाद भी उसका कौमार्य भंग नहीं हुआ.
  • तारा (Taara): तारा समुद्र मंथन से निकली अप्सरा थी. तारा का विवाह बाली के साथ हुआ. बाली के भाई सुग्रीव ने छल से जब उसका वध कर दिया तो, तारा ने श्रीराम को कोसते हुए श्राप दिया कि, वह भी अपनी पत्नी सीता को पाने के बाद खो देंगे. साथ ही तारा ने यह भी कहा कि अगले जन्म में बाली के हाथों ही राम की मृत्यु होगी. इसके बाद द्वापर युग में भगवान विष्णु ने भगवान कृष्ण के रूप में जन्म लिया और उनके इस अवतार का अंत भील जरा नामक शिकारी के हाथों हुआ, जोकि बाली का ही दूसरा जन्म था.  तारा को भी आजीवन कुंवारी रहने का वरदान प्राप्त था.
  • कुंती (Kunti): कुंती महल में आए महात्माओं की सेवा करती थी. एक बार महल में ऋषि दुर्वासा आए हुए थे. कुंती के सेवा-सत्कार से ऋषि दुर्वासा प्रसन्न हुए और कहा कि, ‘पुत्री! मैं तुम्हारी सेवा से प्रसन्न हुआ हूं इसलिए तुम्हें एक मंत्र देता हूं. इस मंत्र से तुम जिस देवता का स्मरण करोगी वह तत्काल सामने प्रकट होकर तुम्हारी इच्छा पूरी करेंगे. कुंती का विवाह हस्तिनापुर के राजा पांडु से हुआ. लेकिन पांडु को यह श्राप मिला था कि, अगर वह अपनी पत्नी कुंती को स्पर्श करेंगे तो उसकी मृत्यु हो जाएगी. लेकिन उन्हें इस बात की चिंता रहती थी कि, उसकी मृत्यु के बाद कुरु वंश समाप्त हो जाएगा. कुंती को ऋषि दुर्वासा अद्भुत मंत्र प्राप्त था, जिससे कुंती ने धर्म देव से युधिष्ठिर, वासुदेव से भीम और इंद्र देव से अर्जुन को पुत्र के रूप में प्राप्त किया. इस तरह देवताओं से संतान प्राप्ति के बाद भी कुंती का कौमार्य पवित्र माना गया.

ये भी पढ़ें: Vat Purnima Vrat 2023: वट पूर्णिमा पर भद्रा का साया, साथ ही ये शुभ योग भी, जानें पति की लंबी आयु के लिए सुहागिन किस मुहूर्त पर करे पूजा

Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.



Source link


Share to Support us

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Download Our Android Application for More Updates

X