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पुंछ के शिकारियों की तलाशी जारी, जमीन को पकड़ने के लिए ड्रोन, खोजी कुत्तों का उपयोग

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सेना के ट्रक में लगी आग: जम्मू-कश्मीर के पुंछ में 20 अप्रैल को हुए एक आतंकी हमले में पांच जवान शहीद हो गए। इसके बाद बाटा-डोरिया क्षेत्र के घने जंगल में सुरक्षा बलों ने एक बड़ा खोज अभियान शुरू कर दिया है। शुक्रवार (21 अप्रैल) को इस अभियान में ड्रोन और खोजी कुत्तों का इस्तेमाल किया गया, वहीं एक लाख हेलीकॉप्टर ने जंगल क्षेत्र की टोह ली।

नेशनल पुश एजेंसी (एनआईए) की एक टीम ने घटना स्थल का दौरा किया और क्षेत्रीय और उस वाहन का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस अनुमान (DGP) दिलबाग सिंह, एडीजीपी मुकेश सिंह सहित पुलिस और सेना के शीर्ष अधिकारियों ने इस अभियान की समीक्षा की।

आंतकवादी अभियान में पुराने थे

अधिकारियों ने बताया कि पूरे क्षेत्र का घिनौनापन और यादगारी के लिए ड्रोन और खोजी कुत्तों का उपयोग किया जा रहा है। हमलों में शहीद हुए जवान राष्ट्रीय राइफल्स के थे और उन्हें आतंकवाद के खिलाफ उग्र अभियान के लिए उकसाया था। सूत्र ने बताया कि संदेह है कि तीन में से चार मिरर के एक समूह ने इस हमले को अंजाम दिया और उन्होंने किसी विस्फोट, बम या ग्रेनेड का इस्तेमाल किया, जिससे किसी वाहन में आग लग गई।

एक साल से पुंछ में रह रहे थे

उन्होंने कहा कि यह समझा जाता है कि एक साल से अधिक समय से हमले को अंजाम देने वाले राजौरी और पुंछ मौजूद थे और उन्हें इस दुर्गम क्षेत्र का पर्याप्त ज्ञान था। उन्होंने बताया कि यह जम्मू-कश्मीर गजनवी फोर्स (जेकेजीएफ) का गढ़ है और इसका ‘कमांडर’ रफीक अहमद ऊ रफीक इसी इलाके का रहने वाला है।

जवान के शरीर पर नजर के निशान

सूत्र ने बताया कि वर्तमान राजौरी और पुंछ क्षेत्र में तीन से चार आतंकवादी समूह सक्रिय हैं। सेना ने कहा कि जिस वाहन में जवान यात्रा कर रहे थे, वह अज्ञात प्रत्यक्ष हमलों की चपेट में आ गया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया: ग्रेनेड के चक्कों में आने के कारण आग लग गई। शुरुआती जांच के मुताबिक हमला दोनों तरफ से किया गया और गाड़ी और एक जवान के शरीर पर कब्जे के निशान मिले हैं।

LOC के पास स्टेक्स

अधिकारियों के अनुसार, नियंत्रण रेखा के पास सख्त बरती जा रही है और भीम्बर गली-पुंछ मार्ग पर यातायात को रोक दिया गया है और लोगों को ढकर के रास्ते पुंछ जाने की सलाह दी है। शहीद सील की पहचान हवलदार परिमाण सिंह, लांस नायक देबाशीश बस्वाल, लांसनायक कुलवंत सिंह, सिपाही हरकृष्ण सिंह और सिपाही सिंह के रूप में नियुक्त किया गया है।

राजौरी में एक घटना में सील को श्रद्धांजलि देने के बाद, ओडिशा में पुरी जिले के अलगुम सामी गांव के शहीद नायक देबाशीष के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए हवाई मार्ग से उनकी माता का स्थान ले जाया गया।

पेजों का प्रदर्शन

मंदी सिंह, कुलवंत सिंह, हरकृष्ण सिंह और सेवक सिंह के पार्थिव शरीर मार्ग मार्ग से उनके यथार्थ स्थानों पर भेजे जा रहे हैं। इस बीच बीजेपी, विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय बजरंग दल, बीजेपी, डोगरा फ्रंट आदि ने विरोध प्रदर्शन किया।

सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं- सेना

सेना ने एक ट्वीट में कहा, ‘थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे और भारतीय सेना के सभी कर्मी भारतीय सेना के पांच वीर सील-मंदीप सिंह, देवाशीष बस्वाल, कुलवंत सिंह, हरकृष्ण सिंह और सेवक सिंह के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं, कौन कल पुंछ सेक्टर में ड्यूटी के दौरान अपने प्राण न्योछावर कर दिए।’

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि वह शहीद जवानों की शहादत से बेहाल हैं। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “राष्ट्र के लिए उनकी सेवा को कभी नहीं रोका जा सकता। मेरी संवेदनाएं शोक संत सभी के साथ हैं।”

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