https://bulletprofitsmartlink.com/smart-link/133310/4

पितृ पक्ष इस दिन से होंगे शुरू, जानें डेट, तिथियां और पितरों के तर्पण का महत्व

Share to Support us


Pitru Paksha 2023 Kab hai: पितृ पक्ष पितरों को समर्पित है. इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध किया जाता है. पंचांग के अनुसार पितृपक्ष की शुरुआत भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से होती है और अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर इसका समापन होता है.

पितृपक्ष यानी श्राद्ध का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है. ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि पितृपक्ष की शुरुआत इस साल 29 सितंबर 2023 से हो रही है. इसका समापन 14 अक्टूबर को होगा.

पितृ पक्ष में श्राद्ध का महत्व

पितृपक्ष के दौरान पूर्वजों को श्रद्धापूर्वक याद करके उनका श्राद्ध कर्म किया जाता है. पितृपक्ष में पितरों को तर्पण देने और श्राद्ध कर्म करने से उनको मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दौरान न केवल पितरों की मुक्ति के लिए श्राद्ध किया जाता है, बल्कि उनके प्रति अपना सम्मान प्रकट करने के लिए भी किया जाता है. पितृपक्ष में श्रद्धा पूर्वक अपने पूर्वजों को जल देने का विधान है. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि श्राद्ध का अर्थ श्रद्धा पूर्वक अपने पितरों को प्रसन्न करने से है.

पितृ पक्ष 2023 कब से शुरू 

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल 29 सितंबर से पितृपक्ष की शुरुआत हो रही है. वहीं, इसका समापन आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को होता है. अमावस्या तिथि इस बार 14 अक्टूबर को पड़ रही है.

पितरों की शांति के लिए यमराज देते हैं जीवों को मुक्ति

सनातन मान्यता के अनुसार जो परिजन अपना देह त्यागकर चले गए हैं, उनकी आत्मा की तृप्ति के लिए सच्ची श्रद्धा के साथ जो तर्पण किया जाता है, उसे श्राद्ध कहा जाता है.  ऐसी मान्यता है कि मृत्यु के देवता यमराज श्राद्ध पक्ष में जीव को मुक्त कर देते हैं, ताकि वे स्वजनों के यहां जाकर तर्पण ग्रहण कर सकें. जिस किसी के परिजन चाहे वह विवाहित हो या अविवाहित हों, बच्चा हो या बुजुर्ग, स्त्री हो या पुरुष उनकी मृत्यु हो चुकी है उन्हें पितर कहा जाता है.  पितृपक्ष में मृत्युलोक से पितर पृथ्वी पर आते है और अपने परिवार के लोगों को आशीर्वाद देते हैं. पितृपक्ष में पितरों की आत्मा की शांति के लिए उनको तर्पण किया जाता है. पितरों के प्रसन्न होने पर घर पर सुख शान्ति आती है.

तिथि अनुसार पिंडदान

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि पितृपक्ष में हर साल पितरों के निमित्त पिंडदान, तर्पण और हवन आदि किया जाता है. सभी लोग अपने-अपने पूर्वजों की मृत्यु तिथि के अनुसारए उनका श्राद्ध करते हैं.  माना जाता है कि जो लोग पितृपक्ष में पितरों का तर्पण नहीं करते उन्हेंक पितृदोष लगता है. श्राद्ध करने से उनकी आत्माे को तृप्ति और शांति मिलती है. वे आप पर प्रसन्न होकर पूरे परिवार को आशीर्वाद देते हैं. हर साल लोग अपने पितरों की आत्मार की शांति के लिए गया जाकर पिंडदान करते हैं.

15 दिन देरी से शुरू होंगे पितृ पक्ष 

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत 29 सितंबर से हो रही है और 14 अक्‍टूबर 2023 को यह समाप्‍त होंगे. पितृ पक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा से शुरू होते हैं और अश्विन मास की अमावस्‍या तक चलते हैं. इसे सर्व पितृ अमावस्‍या कहते हैं.  अधिक मास की वजह से इस साल सावन दो महीने का है. इसकी वजह से सभी व्रत-त्‍योहार 12 से 15 दिन देरी से पड़ेंगे. आमतौर पर पितृ पक्ष सितंबर में समाप्‍त हो जाते हैं लेकिन इस साल पितृ पक्ष सितंबर के आखिर में शुरू होंगे और अक्‍टूबर के मध्‍य तक चलेंगे.

नहीं होते हैं मांगलिक कार्य

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि पितृों के समर्पित इन दिनों में हर दिन उनके लिए खाना निकाला जाता है. इसके साथ ही उनकी तिथि पर बह्मणों को भोज कराया जाता है.  इन 15 दिनों में कोई शुभ कार्य जैसे, गृह प्रवेश, कानछेदन, मुंडन, शादी, विवाह नहीं कराए जाते.  इसके साथ ही इन दिनों में न कोई नया कपड़ा खरीदा जाता और न ही पहना जाता है. पितृ पक्ष में लोग अपने पितरों के तर्पण के लिए पिंडदान, हवन भी कराते हैं.

श्राद्ध की तिथियां

  • 29 सितंबर – पूर्णिमा श्राद्ध
  • 30 सितंबर – प्रतिपदा श्राद्ध , द्वितीया श्राद्ध
  • 01 अक्टूबर – तृतीया श्राद्ध
  • 02 अक्टूबर – चतुर्थी श्राद्ध
  • 03 अक्टूबर – पंचमी श्राद्ध
  • 04 अक्टूबर – षष्ठी श्राद्ध
  • 05 अक्टूबर – सप्तमी श्राद्ध
  • 06 अक्टूबर – अष्टमी श्राद्ध
  • 07 अक्टूबर – नवमी श्राद्ध
  • 08 अक्टूबर – दशमी श्राद्ध
  • 09 अक्टूबर – एकादशी श्राद्ध
  • 11 अक्टूबर – द्वादशी श्राद्ध
  • 12 अक्टूबर – त्रयोदशी श्राद्ध
  • 13 अक्टूबर – चतुर्दशी श्राद्ध
  • 14 अक्टूबर – सर्व पितृ अमावस्या

August 2023 Hindu Calendar: हिन्दू कैलेंडर अगस्त 2023, जानें पूरे माह के व्रत-त्योहार, शुभ मुहूर्त और ग्रह-गोचर

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.



Source link


Share to Support us

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Download Our Android Application for More Updates

X