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पाकिस्तान संकट: मैप से लोन लेने के लिए पाकिस्तान खत्म की बिजली पर राहत

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पाकिस्तान आर्थिक संकट: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था (पाकिस्तान अर्थव्यवस्था) बुरी तरह से संकट में फंस गई है। देश में मुद्रा विक्रेता की भारी कमी है। बताहाशाशा से आम लोगों का बुरा हाल है। लोगों के लिए दो जून की रोटी भी कमाई में परेशानी आ रही है। इस बीच देश में आई फर्जी से कर्ज लेने के लिए उसका बैलेंस का नकारात्मक असर पड़ा है। शाहबाज शरीफ की सरकार ने बिजली कनेक्शन को झटका दिया है। सनसनी की आशंका में अलर्ट को मौज दे दिया गया है।

पाकिस्तान में बड़ी बिजली उपभोक्ताओं पर 1 रुपये प्रति यूनिट सरचार्ज लगाया गया है। मैं फंसा टीम के जाने के बाद पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने शुक्रवार (10 फरवरी) को ईसीसी की बैठक की अध्यक्षता की।

बिजली की झटके में चेतावनी को चुंबक

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की पूर्व ट्राई में से एक को लागू करने के लिए मंत्रिमंडल की आर्थिक समन्वय समिति (ECC) ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए प्रति इकाई 1 रुपये के अतिरिक्त स्थान को स्वीकृत दी। पावर सेक्टर (Power Sector) की दलाली में 76 अरब रुपये की उगाही के लिए सरचार्ज को मंजूरी दी गई है।

बिजली शुल्क में वापस

पाकिस्तान में कैबिनेट की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) ने शुक्रवार को एक्सपोर्ट ओरिएंटेड सेक्टर (एक्सपोर्ट ओरिएंटेड सेक्टर) और किसानों के पैकेज के लिए बिजली शुल्क में सब्सिडी को भी वापस लेने की मंजूरी दे दी। ईसीसी की बैठक के बाद एक बयान के अनुसार वित्त मंत्री इशाक डार ने ईसीसी की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें वाशिंगटन स्थित ऋणदाता की मांग को पूरा करने के लिए राजस्व और निर्णय उपाय पर चर्चा की गई।

समझौते पर हस्ताक्षर किए बिना IMF टीम को छोड़ दिया

गुरुवार (9 फरवरी) को फ्रेजर में 10 दिनों तक मैसेज के साथ बातचीत हुई। आई फ़्रेम मिशन के साथ वार्ता के दौरान विद्युत क्षेत्र में सुधार और सीमा ऋण को नियंत्रित करना एजेंड के शीर्ष पर रहा। आई एक्सएमएल समझौते पर हस्ताक्षर किए बिना ही फ्रीज से प्रस्थान हो गया था और पाकिस्तान से इस संबंध में सुधारात्मक उपाय करने को कहा था। ईसीसी की बैठक की स्थिति की समीक्षा करने और जबरदस्ती उठाने के लिए आयोजित किया गया था।

पाकिस्तान में बिजली शुल्क

त्रैमासिक टैरिफ समायोजन, फर्ज रेट एडजस्टमेंट और बड़ी बिजली कनेक्शन पर प्रति यूनिट 1 रुपये का वर्क फिक्सिंग सहित सरकार ने एक वित्तीय ऋण प्रबंधन योजना (CDMP) को मंजूरी दी, जहां टैरिफ लगभग 7-8 रुपये प्रति यूनिट यूनिट तक बढ़ जाएगा। उपभोक्ता आधार टैरिफ (उपभोक्ता आधार टैरिफ) जून 2022 में 15.28 रुपये प्रति यूनिट से बढ़ाकर जून 2023 तक 23.39 रुपये प्रति यूनिट कर दिया जाएगा।

सूत्र ने कहा कि आईएमएफ ने सरकार से आधार टैरिफ 4.06 रुपये प्रति यूनिट बढ़ाने के लिए कहा था, लेकिन प्रामाणिक सीडी के तहत सरकार ने इस संबंध में कुछ भी बंधक नहीं रखा।

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