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पहले खूब बरसेंगे बादल, फिर चालू होगा गर्मी का सितम…खेती-किसानी के लिए यह अच्छा संकेत नहीं!

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April Weather Forecast: मार्च के महीने में मौसम की अनिश्चितताओं ने पूरे कृषि क्षेत्र के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर दी. अभी तक बारिश, आंधी और ओलावृष्टि से हुए नुकसान से किसान उबर नहीं पाए हैं कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अप्रैल के लिए भी चेतावनी जारी कर दी है. आईएमडी ने अपनी नई एडवायजरी में बताया है कि अप्रैल के पहले पखवाड़े में अधिक बारिश जैसी परिस्थितियां रहेंगी, जबकि आखिरी 15 दिनों में तापमान सामान्य के काफी अधिक रहने की संभावना है. आईएमडी ने मौसम पूर्वानुमान में अल नीनो के आसार जताए हैं, जो कृषि क्षेत्र के हित में नहीं है. इसका सीधा मतलब है कि तेज गर्मी के साथ-साथ मानसून में भी कमी रह सकती है.

मार्च में टूटा 5 साल पुराना रिकॉर्ड

आज पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों से जूझ रही हैं. चूंकि भारत एक कृषि प्रदान देश है, इसलिए यहां मौसम से जुड़ी चिंताएं अक्सर हावी रहती हैं. इस साल मार्च के महीने में भी कुछ ऐसी ही घटनाएं देखने को मिली.

आंकड़ों से पता चलता है कि मार्च में लगातार 7 पश्चिमी विक्षोभों (डब्ल्यूडी) के कारण पूरे देश में 105 बार भारी बारिश की घटनाएं दर्ज की गई हैं. इनमें सबसे ज्यादा बारिश और ओलावृष्टि की घटनाएं 14-22 मार्च के दौरान हुई हैं.

इस दौरान उत्तर और मध्य भारत में 5 गंभीर पश्मिमी विक्षोभ एक्टिव रहे. इसका नतीजा यह हुआ कि पांच साल बाद मानव जीवन, पशुधन और फसलों में काफी ज्यादा नुकसान देखा गया.  अभी किसान इस घटना से ना तो किसान उबर पाए हैं और ना ही मौसम की चाल सामान्य हो रही है.

मौसम एक्सपर्ट्स की मानें तो हर साल के मुकाबले इस साल मार्च के महीने में मौसम अनपने स्वभाव से बिल्कुल ही विपरीत असर दिखा गया. पिछले साल के मार्च के महीने को सबसे गर्म महीना बताया गया, जबकि इस साल मार्च में तापमान सामान्य से कम रहा. तेज बारिश-ओलावृष्टि से शहरों में भी सर्द तापमान की वापसी हुई. इस दौरान 68 लोगों की मौत, 44 घायल हुए और 500 से अधिक पशुओं की मौत की घटनाएं सामने आईं हैं. 

देश में सामान्य से अधिक रहेगा पूरे साल का तापमान

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अपने अवलोकन में पाया कि अब ला नीना की स्थिति थम चुकी है, लेकिन धीरे-धीरे अल नीनो का प्रभाव में आ रहा है. इसके लक्षण अप्रैल के शुरुआती दिनों के मौसम से ही दिखने लगे हैं. आईएमडी की मानें तो अल नीनो का असली प्रभाव मानसून की दूसरी छमाही यानी जुलाई से सितंबर के बीच नजर आएगा. आईएमडी के ताजा पूर्वानुमान के मुताबिक, अप्रैल के दूसरे पखवाड़े से लेकर मई और जून में  मौसम का तापमान सामान्य से अधिक रहेगा.

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