दिल्ली-एनसीआर (दिल्ली-एनसीआर) खासकर नोएडा (नोएडा) व ग्रेटर नोएडा (ग्रेटर नोएडा) में इन दिनों ऐसे हजारों लोग हैं, जो अपना घर खरीदने वाले परेशान हैं। कहीं प्रोजेक्ट अभी सालों से अटके हुए हैं और तैयार नहीं हो पाए हैं, तो एनी रजिस्ट्री (नोएडा एक्सटेंशन रजिस्ट्री) नहीं हो पा रही है. सालों से अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं होम बायर्स को अब जाकर उम्मीद की एक किरण दिखाई दे रही है। उत्तर प्रदेश के चित्र योगी आदित्यनाथ (सीएम योगी आदित्यनाथ) हाल ही में नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बैठे हुए घर से मिलते हैं और उन्हें जल्द ही समाधान की गारंटी दी जाती है।
मेर ने ये गारंटी दी है
पिछले सप्ताह संतुष्ट घर से मिलने की। ग्रेटर स्टेडियम वायनेड पार्क के घर के लिए संगठन नेफोवा (NEFOWA) के प्रतिनिधियों ने जेवर के विधायक व भाजपा नेता धीरे-धीरे चंद्र सिंह के साथ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विजिट की। इस घरेलू निर्णय के दौरान रजिस्ट्री को लेकर अपनी अन्य परेशानियों के बारे में जागरूक रहते हुए। किसी को जानने के बाद भागीदार ने घर को क्षतिग्रस्त कर दिया कि जल्द ही उनका पूरा समाधान हो जाएगा।
घर की पसंद को प्राथमिकता
सीएम योगी ने घर में अटके रहने को लेकर बताया कि उनकी उलझनें सरकार की प्राथमिकता में हैं. जेवर विधायक की शर्त तो सीएम योगी ने कहा, मैं घर धारणा की चिंता से अवगत हूं और जब से हमारी सरकार आई है, हमने लगातार उनके लिए प्रयास किया है और अभी भी कर रहे हैं। कुछ मामलों में रुकावट के कारण विलंब हुआ। सरकार हमारी गंभीर है और घर की सभी योजनाओं का पूरा समाधान निकालने के लिए कई प्रयास कर रही है।
इस कारण घर में परेशान हैं
घर एलसीडी और के बीच यह बैठक 45 मिनट के लिए चली। इस नोएडा आवासीय फ्लैट के दौरान वेलफेयर एसोसिएश्शन यानी नेफोवा के प्रतिनिधियों ने बताया कि लाखों घर के पर्दे कई सालों से परेशान हैं और उनकी परेशानी की सबसे बड़ी वजह रजिस्ट्री में देरी है। गलती से बिल्डर की है, लेकिन खामियाजा घर से जुड़ा हुआ है।
मिलियन लोग रजिस्ट्री नहीं करते हैं
आपको बता दें कि अभी भी नोएडा कनेक्शन की कई प्रमुख सोसायटी में रजिस्ट्री बंद है। इसकी वजह से इन सोसाइटी के जानकारों की पहचान की स्पष्टता स्पष्ट नहीं है। मॉनिटरिंग उन सभी सॉकिस की रजिस्ट्री को रोक देता है, जिनका पर्दाफाश हो जाता है। हालांकि इस वजह से उन पर घर का कर्ज अटका हुआ है, जो सालों से कर्ज के किस्त चुकाए गए हैं, लेकिन अब तक उन्हें अपने सपने का घर नसीब नहीं हो सका है। नेफोवा का दावा है कि इस तरह से घर में रहने की संख्या लाखों में है।