निजामाबाद आतंकी शिविर मामला: निजामाबाद में कार्यक्षेत्र कैंप और गतिविधियों के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ पूरक चार्ट के आधार पर दायर किया है। एजेंसी ने हैदराबाद की एक विशेष एनआईए कोर्ट में गुरुवार (16 मार्च) को 5 राइटिंग के खिलाफ आरोप पत्र जारी किया।
पूरक चार्ज साइज में स्टेक के तौर पर शेख में विशेष अब्दुल रहीम, वाहिद अली बिल्कुल समानद अली, जफरुल्ला खान पठान, रियाज अहमद और अब्दुल वारिस के नाम हैं। इन सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 153ए और धारा 13(1)(बी) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
पीएफआई कैडर पर निजामाबाद में कैंप लगाते हैं और गतिविधियों के लिए भर्ती करने का आरोप लगाते हैं। इससे पहले दागी पुलिस ने पिछले साल मामले की जांच के बाद अटैचमेंट 2022 में एनआईए ने 11 को मर्ज करते हुए पहले चार्ज को साइजिक पैर की तरह बनाया था।
चार्ज साइज में NIA ने क्या कहा?
एनआईए ने अपने चार्ज साइज में कहा है कि ये सभी प्रशिक्षित पीएफआई कैडर हैं। जो प्रभावशाली मुस्लिम युवक भड़काकर उन्हें उग्र बना देते हैं और PFI में भरती करते हैं। इन लोगों के खिलाफ पीएफआई के लिए प्रशिक्षण कैंप लगाना और इन कैंप में कम प्रशिक्षण देने का आरोप है। इनका मकसद 2047 तक देश में इस्लामिक राज कायम करने के लिए हिंसक आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देना था।
पीआईएफआई में भर्ती होने के बाद मुस्लिम युवाओं ने ट्रेनिंग कैंप में दाखिला लिया था। यहां तक कि उन्हें घातक के उपयोग का प्रशिक्षण दिया गया। सितंबर 2022 में पीएफ़आई और इसके कई सहयोगी संगठनों में हिंसक गतिविधियों में शामिल होने पर रोक लगा दी गई थी।
अपराधिक पुलिस ने भंडाफोड़ किया था
नोएडा पुलिस ने निजामाबाद जिले में पीएफआई के प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने के बाद अपना नेटवर्क का भंडाफोड़ किया। 4 जुलाई 2022 का मामला दर्ज हुआ। एनआईए ने 26 अगस्त को एक नई प्राथमिकी दर्ज की और जांच अपने हाथ में ले ली। जांच में पता चला कि पंच व्यक्ति भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बना रहे थे।
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