<p style="text-align: justify;">अचानक से आपका पूरा शरीर कमजोर होकर सुखने लगे तो क्या होगा? दरअसल, हाल ही में ‘ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी मांसपेशियों’ को कमजोर करने वाली एक बेहद दुर्लभ बीमारी का पता चला है. यह बीमारी औरतों के मुकाबले पुरुषों में ज्यादा होती है. अब तक के आंकड़ों के मुताबिक यह बीमारी लगभग 3, 500 लड़कों को अपने चपेट में ले चुकी है. भारत में इस बीमारी के मरीज 5 लाख से ज्यादा है. इस आर्टिकल के जरिए आपको बताते हैं ‘ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी’ क्या है? साथ ही इसके लक्षण और इलाज…</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>क्या है ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी?</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी एक जेनेटिक डिसऑर्डर है. यह बीमारी शरीर में तब बढ़ने लगता है जब शरीर में पाए जाने वाला डिस्ट्रोफिन नाम के एक प्रोटीन जो शरीर को मजबूत और एनर्जेटिक रखता है उसी में बदलाव आने लगते हैं. जिसकी वजह से शरीर में कमजोरी बढ़ने लगती है. इसके लक्षण 2 से 3 साल के बच्चों में भी पाया जाता है. </p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>बीमारी के लक्षण?</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी में सबसे आम बात यह होती है कि इसमें मांसपेशियां अपने आप कमजोर होने लगते हैं. जिसकी वजह से टीशूज को भी नुकसान पहुंचता है. इस बीमारी में पैर और शरीर के निचले हिस्सा में ज्यादा असर पड़ता है. इस बीमारी में पेट की साइड वाली मसल्स को ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती है. इस बीमारी से पीड़ित लोग काफी ज्यादा कमजोर होते हैं. इतने कमजोर होते हैं कि वह खुद से चल तक नहीं पाते हैं. ऐसे बच्चे को चलने में बेहद दिक्कत होती है. इस बीमारी में आगे चलकर दिल और पेट में कई तरह की दिक्कत भी शुरू होती है. जिसके कई गंभीर लक्षण है. </p>
<h3 style="text-align: justify;">मांसपेशियां सुखने लगते हैं</h3>
<p style="text-align: justify;">ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी लगभग 3500 लड़कों में से किसी एक को प्रभावित करती है. इस जेनेटिक बीमारी में बच्चा 12 साल के उम्र आने पर भी खुद से चलने में बिल्कुल असमर्थ होता है. उन्हें कहीं लाने ले जाने के लिए व्हीलचेयर का इस्तेमाल करना पड़ता है. वहीं 20 साल तक आते-आते वेंटिलेशन सपोर्ट की जरूरत पड़ती है. </p>
<h3 style="text-align: justify;">कोई इलाज नहीं है</h3>
<p style="text-align: justify;">इस बीमारी का लेकर अबतक रिसर्च जारी है लेकिन अब तक कोई इलाज नहीं निकला है. न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के लिए इलाज बेहद कम है या फिर काफी ज्यादा महंगा है. इस इलाज का खर्चा हर साल 2-3 करोड़ आता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.</strong></p>
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