PM Kisan Land Verification: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में बढ़ते गैर-कानूनी मामलों के बाद सरकार ने ई-केवाईसी और लैंड रिकॉर्ड्स का वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया है. कई किसानों ने ये दोनों ही काम नहीं है, जिसकी वजह से 12वीं किस्त रोक दी गई है और अब 13वीं किस्त तक भी वेरिफिकेशन नहीं करवाया तो सरकार अयोग्य घोषित कर सकती है. हाल ही में हरियाणा के 3 लाख 36 हजार 306 किसानों की पहचान हुई है, जो सम्मान निधि का पैसा तो ले रहे हैं, लेकिन अब अपनी जमीन के कागजों का सत्यापन नहीं करवा रहे. इस संबंध में सभी राज्य सरकारों ने अंतरिम निर्देश भी जारी कर दिए हैं, जिसके बावजूद अभी तक किसान लैंड वेरिफिकेशन नहीं करवा पाए हैं.
कहां करवाएं लैंड वेरिफिकेशन
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जुड़े हर किसान को अपनी जमीन के कागजों का सत्यापन करवाना अनिवार्य है. हरियाणा के हर जिलों में कृषि विभाग के कार्यालय में लैंड रिकॉर्ड्स के वेरिफिकेशन की सुविधा दी जा रही है. इसके लिए हर जिले में कैंप लगाकर किसानों को जागरूक भी किया जा रहा है.इसके बावजूद, राज्य के करीब 19 लाख 492 किसानों में से 3 लाख 36 हजार 306 किसान अभी तक लैंड वेरिफिकेशन नहीं करवा पाए हैं.
अयोग्य घोषित कर सकती है सरकार
द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा के कई अयोग्य किसान अभी तक पीएम किसान योजना का लाभ उठा रहे हैं. इनकी पहचान के लिए उनके भूमि दस्तावेजों का सत्यापन यानी Land Records Verification किया जा रहा है. वहीं कुछ तो पीएम किसान योजना के लिए योग्य होने बावजूद लाभ नहीं ले पा रहे, जिसका कारण भी लैंड रिकॉर्ड का वेरिफिकेशन ना होना भी हो सकता है. अटकलें लगाई जा रही है कि अगर किसान जल्द से जल्द ये काम नहीं करवाएंगे तो सरकार उन्हें अयोग्य भी घोषित कर सकती है. अगले दो महीने में 13वीं किस्त जारी होने वाली है. ऐसे में बिना देरी किए अपने जिले में कृषि विभाग के कार्यालय में जाकर भूआलेखों का सत्यापन करवा लें.
हर साल मिलते है 6,000 रुपये
पीएम किसान योजना के तहत लाभार्थी किसानों के बैंक खाते में हर साल 6,000 रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं. साल 2019 में शुरू की गई इस स्कीम के तहत अभी तक दो-दो हजार रुपये की 12 किस्तें जारी की जा चुकी हैं. नए साल में किसानों को 13वीं किस्त भी ट्रांसफर कर दी जाएगी. केंद्र सरकार द्वारा जारी डेटा के मुताबिक, इस स्कीम से 1.86 किसानों को बाहर कर दिया गया है. कई किसान वेरिफिकेशन की प्रोसेस के बाद अयोग्य घोषित किए गए है. अभी भी कई लोग गलत तरीके से इस स्कीम से जुड़े हुए हैं, जिनकी पहचान के लिए ईकेवाईसी और लैंड वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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