Ankita Lokhande Recalls Pavitra Rishta Days: अंकिता लोखंडे टीवी की पॉपुलर एक्ट्रेस हैं. अंकिता को आज भी उनके सीरियल पवित्र रिश्ता की अर्चना के रूप में सबसे ज्यादा याद किया जाता है. अर्चना के रूप में उनकी परफॉर्मेंस से लेकर मानव (सुशांत सिंह राजपूत) के साथ उनकी केमिस्ट्री तक एक्ट्रेस ने अपने दर्शकों को इम्प्रेस करने का कोई मौका नहीं छोड़ा. वहीं अंकिता ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने पवित्र रिश्ता के दिनों को याद किया और कईं हैरान करने वाले खुलासे किए.
‘पवित्र रिश्ता’ करने के दौरान तीन महीने घर नहीं गई थीं अंकिता
ईटाइम्स को दिए इंटरव्यू में अंकिता ने खुलासा किया कि पवित्र रिश्ता के लिए उन्होने बिना रुके शूटिंग की थी. अंकिता ने आगे कहा कि पवित्र रिश्ता पर मैंने जितना काम किया है, मैंने अपनी लाइफ में कभी इतना काम नहीं किया है. मुझे याद है कि मैं तीन महीने तक घर नहीं गई और दिन-रात सेट पर शूटिंग करती रही थी. ये फैक्ट है सेट पर एक जेंट्स वॉशरूम था जो मुझे अलॉट किया गया था. मैं वहां शावर लेती और अपनी शूटिंग के लिए तैयार हो जाती. उस समय मेरे पास एक हेयरड्रेसर थी, अस्मिता मेरे कपड़े इस्त्री करने में मेरी मदद करती थी. उन्होंने कहा कि एक बार उन्होंने लगातार 148 घंटे तक शूटिंग की थी जो उनका रिकॉर्ड टाइम था.
अंकिता के साथ श्रद्धा आर्या भी सिनेस्टार्स में कंटेस्टेंट थीं
अंकिता ने कहा वह बहुत अलग समय था. मुझे याद है कि हम सभी अलग-अलग शहरों से मुंबई आए थे और हम सिर्फ अपना बेस्ट देना चाहते थे. जब मैं सिनेस्टार्स की खोज के लिए मुंबई आई तो हम साथ रहते थेय एक अपार्टमेंट में चार लड़कियां रहती थीं. श्रद्धा आर्या शो में मेरे साथ कंटेस्टेंट्स में से एक थीं और यह बहुत अच्छा लगता है कि हम अपने करियर में इतना अच्छा कर रहे हैं.वह जर्नी बिल्कुल अलग थी क्योंकि हम सभी कुछ भी नहीं जानते थे. हमने शो में सब कुछ सीखा, चाहे वह एक्टिंग करना हो, कैसे कपड़े पहनना हो या क्या नहीं करना हो. हमने एक्टिंग किशोर नमित कपूर सर से सीखी. मैं उन सभी यादों को संजो कर रखूंगी.
अंकिता को ‘पवित्र रिश्ता’ में कैसे अर्चना का रोल मिला था?
अंकिता ने आगे बताया कि उन्हें ‘पवित्र रिश्ता’ में कैसे अर्चना का रोल मिला था? उन्होंने कहा कि पवित्र रिश्ता के ऑडिशन के लिए कॉल आया था और मैं ऑडिशन देने गई थी. मुझे रोल के बारे में कुछ नहीं पता था. मैं सिर्फ इतना जानता था कि वह एक महाराष्ट्रीयन लड़की है. मुझे याद आया कि मेरे दादाजी हमेशा कहते थे कि बिंदी लगाओ, हमारी मराठी संस्कृति के कारण और उनके समय में लड़कियां 10वीं कक्षा से साड़ी और बिंदी लगाती थीं और वह मेरे माता-पिता से भी मुझे इसे लगाने के लिए कहते थे. इसलिए मुझे अभी यह याद आया और मैंने ऑडिशन के लिए काली बिंदी लगाई थी. ऑडिशन उतना अच्छा नहीं गया लेकिन पता नहीं मेरी किस्मत में क्या लिखा था कि एकता मैम को मैं पसंद आ गई और अगले 5 दिनों में मुझे फाइनल कर लिया गया और मैं पवित्र रिश्ता कर रही थी.