यूएस-चीन संबंध: अमेरिका (America) के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन (Antony Blinken) 18 से 19 जून तक चीन के दौरे पर हैं. इसी बीच चीन के विदेश विभाग के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिकन और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच सोमवार (19 जून) को दियाओयुताई के राजकीय गेस्ट हाउस में तीन घंटे तक लंबी बातचीत चली।
चीन और अमेरिका के विदेश मंत्री बातचीत के दौरान चीन ने ताइवान के मुद्दें पर अमेरिका से किसी भी तरह से समझौता करने से साफ मना कर दिया। चीन ने स्पष्ट रूप से कहा कि वो ताइवान को अपने लिए खतरा बना हुआ है और ये उनके लिए महत्वपूर्ण है।
चीनी राष्ट्रपति से मिलने की उम्मीद है
चीनी स्टेट टेलीकास्ट ब्रॉडकास्ट प्रत्यक्ष के अनुसार वांग ने ब्लिंकन को बताया कि इस बार अमेरिकी विदेश मंत्री की चीन यात्रा दोनों देशों के बीच संबंध में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। उन्होंने कहा कि बातचीत के टकराव, सहयोग या संघर्ष के बीच किसी एक का दावा करना जरूरी है। हालांकि, दोनों देशों की ओर से इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई कि ब्लिंकन और शी जिनपिंग के बीच मुलाकात होगी या नहीं, लेकिन ऐसी उम्मीद की जा सकती है कि ब्लिंकन की मुलाकात चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हो सकती है। उसी समय वांग ने आगे कहा कि हमें चीन-अमेरिका संबंध के स्तर को एक तरफ कर देना चाहिए और हेल्दी ट्रक आने के लिए दोनों देशों को काम करना चाहिए।
चीन ने तीन मुख्य बातों का जिक्र किया है
अमेरिकी विदेश मंत्री ने ताइवान को लेकर अलर्ट भी जारी किया। चीनी विदेश मंत्री ब्लिंकन से कहा कि इस मुद्दे पर चीन के पास समझौता करने या स्वीकार करने के लिए कोई जगह नहीं है। इस दौरे के दौरान चीन ने बारीक तीन बातों को लेकर अमेरिका को चेताया। पहले चीन को सिद्धांत का पालन करना चाहिए, दूसरे चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए और तीसरे ताइवान की स्वतंत्रता का विरोध करना चाहिए।